22. अर्थात एक ऊँट के बोझ बराबर पुरस्कार देने का भार मुझ पर है।
24. अर्थात याक़ूब अलैहिस्सलाम के धर्म-विधान में चोर को दास बना लेने का नियम था। (तफ़्सीर क़ुर्तुबी)
25. उनके भाई बिनयामीन को रोकने के लिए। 26 अर्थात अल्लाह से बड़ा कोई ज्ञानी नहीं हो सकता। इसलिए किसी को अपने ज्ञान पर गर्व नहीं होना चाहिए।
27. यहाँ "अज़ीज़" का प्रयोग यूसुफ़ (अलैहिस्सलाम) के लिए किया गया है। क्योंकि उन्हीं के पास सरकार के अधिक्तर अधिकार थे।