Kilniojo Korano reikšmių vertimas - Kilniojo Korano sutrumpinto aiškinimo vertimas į hindi k.

Puslapio numeris:close

external-link copy
46 : 3

وَیُكَلِّمُ النَّاسَ فِی الْمَهْدِ وَكَهْلًا وَّمِنَ الصّٰلِحِیْنَ ۟

वह बात करने की आयु से पहले, शैशवावस्था ही में लोगों से बात करेगा और उस समय भी बात करेगा जब वह बड़ा हो जाएगा, उसकी शक्ति और उसका पुरुषत्व परिपूर्ण हो जाएगा। वह उन्हें ऐसी बातों के साथ संबोधित करेगा जिनमें उनके धार्मिक और सांसारिक मामलों की भलाई होगी। तथा वह अपने कथनों एवं कार्यों में सदाचारी लोगों में से होगा। info
التفاسير:

external-link copy
47 : 3

قَالَتْ رَبِّ اَنّٰی یَكُوْنُ لِیْ وَلَدٌ وَّلَمْ یَمْسَسْنِیْ بَشَرٌ ؕ— قَالَ كَذٰلِكِ اللّٰهُ یَخْلُقُ مَا یَشَآءُ ؕ— اِذَا قَضٰۤی اَمْرًا فَاِنَّمَا یَقُوْلُ لَهٗ كُنْ فَیَكُوْنُ ۟

मरयम ने इस बात से आश्चर्यचकित होकर कि उनके हाँ बिना पति के एक बेटा होगा, कहा : मेरे हाँ पुत्र कैसे होगा, जबकि कोई मनुष्य वैध अथवा अवैध तरीक़े से मेरे पास नहीं आया?! फ़रिश्ते ने उनसे कहा : जिस तरह अल्लाह तुम्हारे हाँ बिना बाप के लड़का पैदा करेगा, उसी तरह वह जो चाहता है, सामान्य नियम के विपरीत पैदा करता है। इसलिए जब वह किसी काम का इरादा कर लेता है, तो उससे कहता है : "हो जा" तो वह हो जाता है। अतः उसे कोई चीज़ विवश नहीं कर सकती। info
التفاسير:

external-link copy
48 : 3

وَیُعَلِّمُهُ الْكِتٰبَ وَالْحِكْمَةَ وَالتَّوْرٰىةَ وَالْاِنْجِیْلَ ۟ۚ

अल्लाह उन्हें लिखना तथा कथन एवं कार्य में शुद्धता सिखाएगा, तथा उन्हें वह तौरात सिखाएगा, जिसे उसने मूसा अलैहिस्सलाम पर उतारा, और उन्हें उस इंजील की शिक्षा देगा, जो वह उनपर अवतरित करेगा। info
التفاسير:

external-link copy
49 : 3

وَرَسُوْلًا اِلٰی بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ ۙ۬— اَنِّیْ قَدْ جِئْتُكُمْ بِاٰیَةٍ مِّنْ رَّبِّكُمْ ۙۚ— اَنِّیْۤ اَخْلُقُ لَكُمْ مِّنَ الطِّیْنِ كَهَیْـَٔةِ الطَّیْرِ فَاَنْفُخُ فِیْهِ فَیَكُوْنُ طَیْرًا بِاِذْنِ اللّٰهِ ۚ— وَاُبْرِئُ الْاَكْمَهَ وَالْاَبْرَصَ وَاُحْیِ الْمَوْتٰی بِاِذْنِ اللّٰهِ ۚ— وَاُنَبِّئُكُمْ بِمَا تَاْكُلُوْنَ وَمَا تَدَّخِرُوْنَ ۙ— فِیْ بُیُوْتِكُمْ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً لَّكُمْ اِنْ كُنْتُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۟ۚ

और (इसी प्रकार) अल्लाह उन्हें बनी इसराईल की ओर रसूल बनाकर भेजेगा। वह उनसे कहेंगे : मैं तुम्हारी ओर अल्लाह का भेजा हुआ रसूल हूँ। मैं तुम्हारे पास ऐसी निशानी लाया हूँ, जो मेरी नुबुव्वत की सत्यता को प्रमाणित करने वाली है। जो यह है कि : मैं तुम्हारे लिए मिट्टी से पक्षी के रूप का एक आकार बनाता हूँ, फिर उसमें फूँक मारता हूँ, तो वह अल्लाह की अनुमति से जीवित पक्षी बन जाता है। और मैं चंगा कर देता हूँ उस व्यक्ति को जो जन्मजात अंधा है, तो वह देखने लगता है और उस व्यक्ति को जो कोढ़ से पीड़ित है, तो उसकी त्वचा ठीक हो जाती है। और मैं मुर्दों को ज़िंदा कर देता हूँ। और यह सब अल्लाह की अनुमति से होता है। और मैं तुम्हें उसके बारे में भी बता देता हूँ, जो तुम अपने घरों में खाते हो और जो संग्रह करते और छिपाकर रखते हो। निःसंदेह इन महान चीज़ों में जिनका मैंने तुमसे उल्लेख किया है, जो मनुष्य नहीं कर सकते; निश्चय इस बात की स्पष्ट निशानी है कि मैं तुम्हारी ओर अल्लाह का भेजा हुआ रसूल हूँ, यदि तुम ईमान लाना चाहते हो और और प्रमाणों को सच्चा मानते हो। info
التفاسير:

external-link copy
50 : 3

وَمُصَدِّقًا لِّمَا بَیْنَ یَدَیَّ مِنَ التَّوْرٰىةِ وَلِاُحِلَّ لَكُمْ بَعْضَ الَّذِیْ حُرِّمَ عَلَیْكُمْ وَجِئْتُكُمْ بِاٰیَةٍ مِّنْ رَّبِّكُمْ ۫— فَاتَّقُوا اللّٰهَ وَاَطِیْعُوْنِ ۟

इसी प्रकार, मैं तुम्हारे पास अपने से पूर्व उतरी हुई पुस्तक तौरात की पुष्टि करने वाला बनकर आया हूँ। तथा मैं इसलिए आया हूँ, ताकि तुम्हारे लिए सुगम और आसान बनाने के लिए तुम्हारे लिए कुछ ऐसी चीज़ों को वैध कर दूँ, जो पहले तुमपर हराम की गई थीं। तथा जो कुछ मैंने तुमसे कहा है, उसकी सत्यता पर मैं तुम्हारे पास एक स्पष्ट तर्क लेकर आया हूँ। अतः अल्लाह के आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, उससे डरो और मैं जिस बात की ओर तुम्हें बुलाता हूँ, उसमें मेरी आज्ञा का पालन करो। info
التفاسير:

external-link copy
51 : 3

اِنَّ اللّٰهَ رَبِّیْ وَرَبُّكُمْ فَاعْبُدُوْهُ ؕ— هٰذَا صِرَاطٌ مُّسْتَقِیْمٌ ۟

ऐसा इसलिए है क्योंकि अल्लाह ही मेरा पालनहार और तुम्हारा पालनहार है। चुनाँचे वही अकेली आज्ञा मानने और डरने के योग्य है। अतः तुम अकेले उसी की इबादत करो। यह जो मैंने तुम्हें अल्लाह की इबादत करने और उससे डरने का आदेश दिया है, यही सीधा मार्ग है, जिसमें कोई टेढ़ नहीं। info
التفاسير:

external-link copy
52 : 3

فَلَمَّاۤ اَحَسَّ عِیْسٰی مِنْهُمُ الْكُفْرَ قَالَ مَنْ اَنْصَارِیْۤ اِلَی اللّٰهِ ؕ— قَالَ الْحَوَارِیُّوْنَ نَحْنُ اَنْصَارُ اللّٰهِ ۚ— اٰمَنَّا بِاللّٰهِ ۚ— وَاشْهَدْ بِاَنَّا مُسْلِمُوْنَ ۟

जब ईसा अलैहिस्सलाम को उनके कुफ़्र पर आग्रह का आभास हुआ, तो उन्होंने बनी इसराईल को संबोधित करते हुए कहा : अल्लाह की ओर बुलाने में मेरी सहायता कौन करेगा? उनके अनुयायियों में से चुनिंदा लोगों ने कहा : हम अल्लाह के धर्म के समर्थक हैं। हम अल्लाह पर ईमान लाए और हमने आपका अनुसरण किया। और - ऐ ईसा! - आप गवाह रहें कि हम अल्लाह को एकमात्र पूज्य मानते हुए और उसकी आज्ञाकारिता के साथ उसके अधीन हैं। info
التفاسير:
Šiame puslapyje pateiktų ajų nauda:
• شرف الكتابة والخط وعلو منزلتهما، حيث بدأ الله تعالى بذكرهما قبل غيرهما.
• लेखन और सुलेख का सम्मान और उनकी उच्च स्थिति, क्योंकि अल्लाह तआला ने दूसरों से पहले उन्हीं दोनों का उल्लेख किया है। info

• من سنن الله تعالى أن يؤيد رسله بالآيات الدالة على صدقهم، مما لا يقدر عليه البشر.
• अल्लाह का नियम रहा है कि वह अपने रसूलों का ऐसी निशानियों के साथ समर्थन करता है, जो उनकी सत्यता को प्रमाणित करने वाली होती हैं, जो मनुष्य की शक्ति से बाहर होती हैं। info

• جاء عيسى بالتخفيف على بني إسرائيل فيما شُدِّد عليهم في بعض شرائع التوراة، وفي هذا دلالة على وقوع النسخ بين الشرائع.
• ईसा - अलैहिस्सलाम - बनी इसराईल के लिए तौरात के कुछ उन नियमों में आसानी लेकर आए थे जिनके संबंध में उनपर सख़्ती की गई थी। इसमें विभिन्न शरीयतों के बीच नस्ख़ होने (नियमों के निरस्तीकरण) की घटना का संकेत है। info