وه‌رگێڕانی ماناكانی قورئانی پیرۆز - وەرگێڕاوی هیندی بۆ پوختەی تەفسیری قورئانی پیرۆز

ژمارەی پەڕە:close

external-link copy
79 : 12

قَالَ مَعَاذَ اللّٰهِ اَنْ نَّاْخُذَ اِلَّا مَنْ وَّجَدْنَا مَتَاعَنَا عِنْدَهٗۤ ۙ— اِنَّاۤ اِذًا لَّظٰلِمُوْنَ ۟۠

यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने कहा : इस बात से अल्लाह की शरण चाहते हैं कि हम एक अत्याचारी के अपराध के कारण एक निर्दोष पर अत्याचार करें और उसके अलावा किसी अन्य व्यक्ति को पकड़ ले, जिसकी बोरी में हमने राजा का मापक पाया है! यदि हमने ऐसा किया तो निश्चय हम अत्याचारी ठहरेंगे। क्योंकि हमने एक निर्दोष को दंडित किया और अपराधी को छोड़ दिया। info
التفاسير:

external-link copy
80 : 12

فَلَمَّا اسْتَیْـَٔسُوْا مِنْهُ خَلَصُوْا نَجِیًّا ؕ— قَالَ كَبِیْرُهُمْ اَلَمْ تَعْلَمُوْۤا اَنَّ اَبَاكُمْ قَدْ اَخَذَ عَلَیْكُمْ مَّوْثِقًا مِّنَ اللّٰهِ وَمِنْ قَبْلُ مَا فَرَّطْتُّمْ فِیْ یُوْسُفَ ۚ— فَلَنْ اَبْرَحَ الْاَرْضَ حَتّٰی یَاْذَنَ لِیْۤ اَبِیْۤ اَوْ یَحْكُمَ اللّٰهُ لِیْ ۚ— وَهُوَ خَیْرُ الْحٰكِمِیْنَ ۟

जब वे यूसुफ़ के उनके अनुरोध को स्वीकार करने से निराश हो गए, तो परामर्श करने के लिए लोगों से अलग हो गए। उनके बड़े भाई ने कहा : मैं तुम्हें याद दिलाता हूँ कि तुम्हारे पिता ने तुमसे अल्लाह का दृढ़ वचन लिया है कि तुम उनके बेटे को वापस ले आओगे, सिवाय इसके कि तुम्हें कोई ऐसी विपत्ति घेर ले, जिसे रोकने में तुम असमर्थ हो। तथा इससे पहले तुमने यूसुफ़ के बारे में कोताही की और उसके बारे में अपने पिता की प्रतिज्ञा पूरी नहीं की। इसलिए मैं मिस्र की धरती तब तक नहीं छोड़ूँगा, जब तक कि मेरे पिता मुझे अपने पास लौटने की अनुमति न प्रदान कर दें, या अल्लाह मेरे लिए मेरे भाई को लेने का फैसला न कर दे। और अल्लाह सब फैसला करने वालों से बेहतर है। क्योंकि वह सत्य और न्याय के अनुसार फैसला करता है। info
التفاسير:

external-link copy
81 : 12

اِرْجِعُوْۤا اِلٰۤی اَبِیْكُمْ فَقُوْلُوْا یٰۤاَبَانَاۤ اِنَّ ابْنَكَ سَرَقَ ۚ— وَمَا شَهِدْنَاۤ اِلَّا بِمَا عَلِمْنَا وَمَا كُنَّا لِلْغَیْبِ حٰفِظِیْنَ ۟

और बड़े भाई ने कहा : अपने पिता के पास वापस जाओ और उनसे कहो : आपके बेटे ने चोरी की है। इसलिए अज़ीज़ -ए- मिस्र ने चोरी की सज़ा के तौर पर उसे दास बना लिया है। हम तो वही कह रहे हैं, जो हमने जाना है। क्योंकि हमने देखा है कि पैमाना उसी की बोरी से निकाला गया था। हमें क्या पता था कि वह चोरी करेगा। यदि पता होता, तो हम आपको उसे वापस लाने का वचन नहीं देते। info
التفاسير:

external-link copy
82 : 12

وَسْـَٔلِ الْقَرْیَةَ الَّتِیْ كُنَّا فِیْهَا وَالْعِیْرَ الَّتِیْۤ اَقْبَلْنَا فِیْهَا ؕ— وَاِنَّا لَصٰدِقُوْنَ ۟

और हमारी सत्यता को सत्यापित करने के लिए (ऐ हमारे पिता!) मिस्र वासियों से पूझ लें, जहाँ हम थे और उस क़ाफ़िले वालों से पूछ लें, जिसके साथ हम आए हैं। वे सब आपको वही बताएँगे, जो हमने बताया है। निःसंदेह हमने आपको उसके चोरी करने की जो बात बताई है, उसमें हम बिलकुल सच्चे हैं। info
التفاسير:

external-link copy
83 : 12

قَالَ بَلْ سَوَّلَتْ لَكُمْ اَنْفُسُكُمْ اَمْرًا ؕ— فَصَبْرٌ جَمِیْلٌ ؕ— عَسَی اللّٰهُ اَنْ یَّاْتِیَنِیْ بِهِمْ جَمِیْعًا ؕ— اِنَّهٗ هُوَ الْعَلِیْمُ الْحَكِیْمُ ۟

उनके पिता ने उनसे कहा : तुमने उसके चोरी करने की जो बात बताई है, वास्तव में मामला वैसा नहीं है। बल्कि तुम्हारे दिलों ने तुम्हारे लिए इस बात को शोभित कर दिया है कि तुम उसके विरुद्ध भी उसी तरह चाल चलो, जिस तरह इससे पहले उसके भाई यूसुफ़ के विरुद्ध चाल चल चुके हो। इसलिए मेरा काम उत्तम सब्र करना है, जिसमें केवल अल्लाह ही से शिकायत है। उम्मीद है कि अल्लाह यूसुफ़, उसके सगे भाई और उनके बड़े भाई, सब को मेरे पास वापस ले आए। निःसंदेह वही पवित्र अल्लाह मेरे हाल से अवगत है और मेरे मामले के प्रबंधन में हिकमत वाला है। info
التفاسير:

external-link copy
84 : 12

وَتَوَلّٰی عَنْهُمْ وَقَالَ یٰۤاَسَفٰی عَلٰی یُوْسُفَ وَابْیَضَّتْ عَیْنٰهُ مِنَ الْحُزْنِ فَهُوَ كَظِیْمٌ ۟

वह उनसे मुँह फेरते हुए दूर हट गए और कहा : हाय मेरे दुःख की तीव्रता यूसुफ़ की जुदाई पर! और यूसुफ़ की जुदाई पर रोते-रोते उनकी आँखों के काले भाग सफ़ेद हो चुके थे। चुनाँचे उनका दिल शोक तथा दुःख से भरा हुआ था, वह अपने दुःख को लोगों से छिपाते थे। info
التفاسير:

external-link copy
85 : 12

قَالُوْا تَاللّٰهِ تَفْتَؤُا تَذْكُرُ یُوْسُفَ حَتّٰی تَكُوْنَ حَرَضًا اَوْ تَكُوْنَ مِنَ الْهٰلِكِیْنَ ۟

यूसुफ़ के भाइयों ने अपने पिता से कहा : अल्लाह की क़सम! (ऐ हमारे पिता!) आप हमेशा यूसुफ़ को याद करते रहेंगे और उसके लिए शोक मनाते रहेंगे, यहाँ तक कि आप सख़्त बीमार हो जाएँ, या प्राण ही त्याग दें। info
التفاسير:

external-link copy
86 : 12

قَالَ اِنَّمَاۤ اَشْكُوْا بَثِّیْ وَحُزْنِیْۤ اِلَی اللّٰهِ وَاَعْلَمُ مِنَ اللّٰهِ مَا لَا تَعْلَمُوْنَ ۟

उनके पिता ने उनसे कहा : मैं जिस शोक और दुःख से पीड़ित हूँ उसकी शिकायत केवल अल्लाह से करता हूँ। और मैं अल्लाह की दया, उसके उपकार, परेशान हाल की दुआ क़बूल करने और पीड़ित को बदला देने के बारे में जो जानता हूँ, वह तुम नहीं जानते। info
التفاسير:
سوودەکانی ئایەتەکان لەم پەڕەیەدا:
• لا يجوز أخذ بريء بجريرة غيره، فلا يؤخذ مكان المجرم شخص آخر.
• किसी दूसरे के अपराध के लिए किसी निर्दोष को पकड़ना जायज़ नहीं है। इसलिए अपराधी की जगह किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं पकड़ा जाएगा। info

• الصبر الجميل هو ما كانت فيه الشكوى لله تعالى وحده.
• उत्तम धैर्य वह है, जिसमें शिकायत केवल अल्लाह के सामने हो। info

• على المؤمن أن يكون على تمام يقين بأن الله تعالى يفرج كربه.
• मोमिन को पूरी तरह से निश्चित होना चाहिए कि अल्लाह सर्वशक्तिमान उसके कष्ट को दूर करेगा। info