وه‌رگێڕانی ماناكانی قورئانی پیرۆز - وەرگێڕاوی هیندی بۆ پوختەی تەفسیری قورئانی پیرۆز

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107 : 10

وَاِنْ یَّمْسَسْكَ اللّٰهُ بِضُرٍّ فَلَا كَاشِفَ لَهٗۤ اِلَّا هُوَ ۚ— وَاِنْ یُّرِدْكَ بِخَیْرٍ فَلَا رَآدَّ لِفَضْلِهٖ ؕ— یُصِیْبُ بِهٖ مَنْ یَّشَآءُ مِنْ عِبَادِهٖ ؕ— وَهُوَ الْغَفُوْرُ الرَّحِیْمُ ۟

यदि अल्लाह (ऐ रसूल!) आपको किसी विपत्ति से पीड़ित कर दे और आप उसे अपने से दूर करना चाहें, तो पवित्र अल्लाह के सिवा कोई उसे दूर करने वाला नहीं, और यदि वह आपके साथ भलाई का इरादा कर ले, तो कोई उसके अनुग्रह को रोक नहीं सकता। वह अपने बंदों में से जिसे चाहता है, अपने अनुग्रह से सम्मानित करता है। अतः उसे कोई विवश करने वाला नहीं। तथा वह अपने तौबा करने वाले बंदों को बहुत क्षमा करने वाला, उनपर अत्यंत दयावान है। info
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108 : 10

قُلْ یٰۤاَیُّهَا النَّاسُ قَدْ جَآءَكُمُ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّكُمْ ۚ— فَمَنِ اهْتَدٰی فَاِنَّمَا یَهْتَدِیْ لِنَفْسِهٖ ۚ— وَمَنْ ضَلَّ فَاِنَّمَا یَضِلُّ عَلَیْهَا ؕ— وَمَاۤ اَنَا عَلَیْكُمْ بِوَكِیْلٍ ۟ؕ

(ऐ रसूल!) आप कह दीजिए : ऐ लोगो! तुम्हारे पालनहार की ओर से अवतिरत क़ुरआन तुम्हारे पास आ गया है। अतः जो कोई सीधा मार्ग अपनाएगा और उसपर ईमान लाएगा, उसका लाभ उसी को प्राप्त होगा, क्योंकि अल्लाह अपने बंदों की आज्ञाकारिता से निस्पृह है। और जो कोई पथभ्रष्टता का मार्ग अपनाएगा, उसकी पथभ्रष्टता का प्रभाव केवल उसी पर होगा, क्योंकि अल्लाह को उसके बंदों की अवज्ञा से हानि नहीं पहुँच सकती। और मैं तुम्हारे ऊपर कोई निरीक्षक नहीं हूँ कि तुम्हारे कर्मों का संरक्षण करूँ और तुमसे उनका हिसाब लूँ। info
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109 : 10

وَاتَّبِعْ مَا یُوْحٰۤی اِلَیْكَ وَاصْبِرْ حَتّٰی یَحْكُمَ اللّٰهُ ۚ— وَهُوَ خَیْرُ الْحٰكِمِیْنَ ۟۠

और (ऐ रसूल!) आप उस चीज़ का अनुसरण करें, जो आपका पालनहार आपकी ओर वह़्य (प्रकाशना) करता है और उसके अनुसार कार्य करें, तथा आपकी क़ौम के जो लोग आपके विरोधी हैं उनके कष्ट पर, और जिस चीज़ के पहुँचाने का आपको आदेश दिया गया है, उसके पहुँचाने पर धैर्य से काम लें। तथा आप निरंतर इसी व्यवहार पर बने रहें, यहाँ तक कि अल्लाह उनके बारे में अपना फ़ैसला कर दे, इस प्रकार कि वह आपको इस दुनिया में उनपर विजय प्रदान कर दे और आख़िरत में उन्हें दंडित करे, यदि उनकी मृत्यु उनके कुफ़्र की अवस्था में हो। info
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سوودەکانی ئایەتەکان لەم پەڕەیەدا:
• إن الخير والشر والنفع والضر بيد الله دون ما سواه.
• निःसंदेह भलाई और बुराई तथा लाभ एवं हानि केवल अल्लाह के हाथ में है, किसी और के अधिकार में नहीं है। info

• وجوب اتباع الكتاب والسُّنَّة والصبر على الأذى وانتظار الفرج من الله.
• क़ुरआन और सुन्नत का पालन करना, तकलीफ़ व नुकसान के समय धैर्य रखना और अल्लाह की ओर से आसानी व राहत की प्रतीक्षा करना अनिवार्य है। info

• آيات القرآن محكمة لا يوجد فيها خلل ولا باطل، وقد فُصِّلت الأحكام فيها تفصيلًا تامَّا.
• क़ुरआन की आयतें सुदृढ़ हैं, उनमें कोई दोष व विकार और असत्य बात नहीं पाई जाती है और उनमें अहकाम (धार्मिक प्रावधानों) को पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया गया है। info

• وجوب المسارعة إلى التوبة والندم على الذنوب لنيل المطلوب والنجاة من المرهوب.
वांछित चीज़ को प्राप्त करने तथा भयावह एवं अप्रिय चीज़ से बचने के लिए पापों से तौबा करने और उनपर पछतावा करने में जल्दी करना चाहिए। info