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50 : 54

وَمَاۤ اَمْرُنَاۤ اِلَّا وَاحِدَةٌ كَلَمْحٍ بِالْبَصَرِ ۟

जब हम किसी चीज़ का इरादा करते हैं, तो हमारा आदेश केवल एक शब्द कहना होता है, कि : "हो जा", तो जो हम चाहते हैं वह पलक झपकते ही तेज़ी से हो जाती है। info
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51 : 54

وَلَقَدْ اَهْلَكْنَاۤ اَشْیَاعَكُمْ فَهَلْ مِنْ مُّدَّكِرٍ ۟

निश्चय हमने पिछले समुदायों में से तुम्हारे जैसे (बहुत-से) कुफ़्र करने वालों को विनष्ट कर दिया, तो क्या है कोई नसीहत हासिल करने वाला, जो इससे नसीहत लेते हुए अपने कुफ़्र से बाज़ आ जाए?! info
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52 : 54

وَكُلُّ شَیْءٍ فَعَلُوْهُ فِی الزُّبُرِ ۟

और जो कुछ बंदों ने किया, वह बंदों के कार्य लिखने पर नियुक्त फ़रिश्तों की पुस्तकों में लिखा है, उनसे उसमें से कुछ भी नहीं छूटता। info
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53 : 54

وَكُلُّ صَغِیْرٍ وَّكَبِیْرٍ مُّسْتَطَرٌ ۟

हर छोटा और बड़ा कार्य एवं कथन कर्मपत्रों और 'लौहे महफूज़' में लिखा है। और लोगों को उसका बदला दिया जाएगा। info
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54 : 54

اِنَّ الْمُتَّقِیْنَ فِیْ جَنّٰتٍ وَّنَهَرٍ ۟ۙ

निश्चय अल्लाह के आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर अपने पालनहार से डरने वाले लोग, बागों में आनंद ले रहे होंगे और बहती नहरों में होंगे। info
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55 : 54

فِیْ مَقْعَدِ صِدْقٍ عِنْدَ مَلِیْكٍ مُّقْتَدِرٍ ۟۠

सत्य की मजलिस में होंगे, जिसमें न व्यर्थ बात होगी, न पाप। ऐसे बादशाह के पास, जो हर चीज़ का मालिक है। शक्तिशाली है, कोई भी चीज़ करने में असमर्थ नहीं है।अतः उन्हें उसकी ओर से प्राप्त होने वाली स्थायी नेमतों के बारे में मत पूछो। info
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• كتابة الأعمال صغيرها وكبيرها في صحائف الأعمال.
• बंदों के छोटे-बड़े सभी कार्य कर्मपत्रों में लिखे जाते हैं। info

• ابتداء الرحمن بذكر نعمه بالقرآن دلالة على شرف القرآن وعظم منته على الخلق به.
• रहमान (परम दयावान् अल्लाह) का अपनी नेमतों का उल्लेख क़ुरआन से शुरू करना, क़ुरआन की प्रतिष्ठा तथा उसके द्वारा इनसान पर उसके उपकार की महानता का संकेत है। info

• مكانة العدل في الإسلام.
• इस्लाम में न्याय का स्थान। info

• نعم الله تقتضي منا العرفان بها وشكرها، لا التكذيب بها وكفرها.
• अल्लाह की नेमतों की अपेक्षा यह है कि हम उन्हें स्वीकार करें और उनका शुक्र अदा करें, न कि उन्हें नकारें और उनकी नाशुक्री करें। info