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12 : 49

یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوا اجْتَنِبُوْا كَثِیْرًا مِّنَ الظَّنِّ ؗ— اِنَّ بَعْضَ الظَّنِّ اِثْمٌ وَّلَا تَجَسَّسُوْا وَلَا یَغْتَبْ بَّعْضُكُمْ بَعْضًا ؕ— اَیُحِبُّ اَحَدُكُمْ اَنْ یَّاْكُلَ لَحْمَ اَخِیْهِ مَیْتًا فَكَرِهْتُمُوْهُ ؕ— وَاتَّقُوا اللّٰهَ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ تَوَّابٌ رَّحِیْمٌ ۟

ऐ अल्लाह पर ईमान रखने और उसकी शरीयत पर अमल करने वालो! बहुत-से ऐसे आरोपों से बचो, जो उन्हें अनिवार्य करने वाले कारणों और संकेतों (लक्षणों) पर आधारित नहीं हैं। निश्चय कुछ गुमान पाप हैं, जैसे किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में बुरा ख़याल रखना, जो नेक दिखाई देता है। और ईमान वालों की छिपी हुई बातों (दोषों) के पीछे न पड़ो। तथा कोई व्यक्ति अपने भाई के बारे में ऐसी बात का उल्लेख न करे, जो उसे नापसंद हो। क्योंकि उसका उल्लेख ऐसी बात के साथ करना, जो उसे नापसंद है, उसके मरे हुए मांस को खाने के समान है। क्या तुममें से कोई अपने मरे हुए भाई का मांस खाना चाहेगा?! अतः उसकी गीबत करने को नापसंद करो, क्योंकि वह उसके समान है। तथा अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से दूर रहकर, डरते रहो। निश्चय अल्लाह अपने तौबा करने वाले बंदों को बहुत ज़्यादा माफ़ करने वाला, उनपर बहुत दया करने वाला है। info
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13 : 49

یٰۤاَیُّهَا النَّاسُ اِنَّا خَلَقْنٰكُمْ مِّنْ ذَكَرٍ وَّاُ وَجَعَلْنٰكُمْ شُعُوْبًا وَّقَبَآىِٕلَ لِتَعَارَفُوْا ؕ— اِنَّ اَكْرَمَكُمْ عِنْدَ اللّٰهِ اَتْقٰىكُمْ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ عَلِیْمٌ خَبِیْرٌ ۟

ऐ लोगो! हमने तुम्हें एक नर अर्थात् तुम्हारे पिता आदम अलैहिस्सलाम और एक मादा अर्थात् तुम्हारी माँ हव्वा से पैदा किया। इस तरह तुम्हारा वंश एक ही है। इसलिए तुम वंश में एक-दूसरे पर गर्व न करो। फिर उसके बाद हमने तुमको बहुत सी जातियाँ और बिखरे हुए गोत्र बनाए; ताकि तुम एक-दूसरे को पहचानो, न कि उसपर घमंड करो। क्योंकि एक-दूसरे से प्रतिष्ठित होने का मानदंड केवल तक़्वा (परहेज़गारी) है। इसलिए आगे फरमाया : निःसंदहे तुममें सबसे सम्मान वाला अल्लाह के निकट वह है, जो तुममें सबसे ज़्यादा तक़्वा वाला है। निश्चय अल्लाह तुम्हारी स्थितियों को जानने वाला, तुम्हारी पूर्णता और अपूर्णता के बारे में अवगत है, इसमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है। info
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14 : 49

قَالَتِ الْاَعْرَابُ اٰمَنَّا ؕ— قُلْ لَّمْ تُؤْمِنُوْا وَلٰكِنْ قُوْلُوْۤا اَسْلَمْنَا وَلَمَّا یَدْخُلِ الْاِیْمَانُ فِیْ قُلُوْبِكُمْ ؕ— وَاِنْ تُطِیْعُوا اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ لَا یَلِتْكُمْ مِّنْ اَعْمَالِكُمْ شَیْـًٔا ؕ— اِنَّ اللّٰهَ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟

कुछ बद्दुओं ने, अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास आकर कहा : हम अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान ले आए। (ऐ रसूल!) आप उनसे कह दें : तुम ईमान नहीं लाए। लेकिन तुम यह कहो : हम समर्पित हो गए और आज्ञाकारी बन गए। और अभी तक ईमान तुम्हारे दिलों में प्रवेश नहीं किया। अलबत्ता उसके प्रवेश करने की उम्मीद है। और अगर (ऐ देहातियो!) तुम ईमान, अच्छे कर्मों तथा हराम कामों से बचने में अल्लाह और उसके रसूल का आज्ञापालन करोगे, तो अल्लाह तुम्हें तुम्हारे कर्मों के प्रतिफल में से कुछ भी कमी नहीं करेगा। निःसंदेह अल्लाह अपने तौबा करने वाले बंदों को बहुत माफ़ करने वाला, उनपर अत्यंत दया करने वाला है। info
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15 : 49

اِنَّمَا الْمُؤْمِنُوْنَ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا بِاللّٰهِ وَرَسُوْلِهٖ ثُمَّ لَمْ یَرْتَابُوْا وَجٰهَدُوْا بِاَمْوَالِهِمْ وَاَنْفُسِهِمْ فِیْ سَبِیْلِ اللّٰهِ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ هُمُ الصّٰدِقُوْنَ ۟

मोमिन तो वही लोग हैं, जो अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाए, फिर उनके ईमान पर संदेह का गुज़र नहीं हुआ। तथा उन्होंने अपने धन एवं प्राण के साथ अल्लाह के मार्ग में जिहाद किया और इस मामले में कोई कंजूसी नहीं की। जो लोग इन गुणों से सुसज्जित हैं, वही लोग अपने ईमान में सच्चे हैं। info
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16 : 49

قُلْ اَتُعَلِّمُوْنَ اللّٰهَ بِدِیْنِكُمْ ؕ— وَاللّٰهُ یَعْلَمُ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ ؕ— وَاللّٰهُ بِكُلِّ شَیْءٍ عَلِیْمٌ ۟

(ऐ रसूल!) आप इन बद्दुओं से कह दें : क्या तुम अल्लाह को अपने धर्म से अवगत करा रहे हो और उसे उसकी सूचना दे रहे हो?! हालाँकि अल्लाह जानता है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती पर है। और अल्लाह सब कुछ जानने वाला है, उससे कुछ भी छिपा नहीं है। अतः उसे यह आवश्यकता नहीं है कि तुम उसे अपने धर्म के बारे में बताओ। info
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17 : 49

یَمُنُّوْنَ عَلَیْكَ اَنْ اَسْلَمُوْا ؕ— قُلْ لَّا تَمُنُّوْا عَلَیَّ اِسْلَامَكُمْ ۚ— بَلِ اللّٰهُ یَمُنُّ عَلَیْكُمْ اَنْ هَدٰىكُمْ لِلْاِیْمَانِ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟

(ऐ रसूल!) ये बद्दू आपपर अपने इस्लाम लाने का एहसान जतला रहे हैं। आप उनसे कह दें : तुम अपने अल्लाह के धर्म में दाखिल होने का मुझपर एहसान मत रखो। क्योंकि उसका लाभ (यदि हुआ तो) तुम्हें ही होगा। बल्कि अल्लाह ही तुमपर एहसान रखता है कि उसने तुम्हें उसपर ईमान लाने का सामर्थ्य प्रदान किया, यदि तुम अपने इस दावे में सच्चे हो कि तुम अल्लाह के धर्म में दाखिल प्रवेश किए हो। info
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18 : 49

اِنَّ اللّٰهَ یَعْلَمُ غَیْبَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— وَاللّٰهُ بَصِیْرٌ بِمَا تَعْمَلُوْنَ ۟۠

निःसंदेह अल्लाह आकाशों और धरती की छिपी चीज़ों को जानता है। उनमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है। तथा अल्लाह खूब देखने वाला है जो कुछ तुम करते हो, तुम्हारे कामों में से कुछ भी उससे छिपा नहीं है, और वह तुम्हें उसके भले और बुरे के लिए बदला देगा। info
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ក្នុង​ចំណោម​អត្ថប្រយោជន៍​នៃអាយ៉ាត់ទាំងនេះក្នុងទំព័រនេះ:
• سوء الظن بأهل الخير معصية، ويجوز الحذر من أهل الشر بسوء الظن بهم.
• अच्छे लोगों के बारे में बुरा सोचना पाप है। और बुरे लोगों के बारे में बुरा सोचकर उनसे सावधान रहना जायज़ है। info

• وحدة أصل بني البشر تقتضي نبذ التفاخر بالأنساب.
• मानव जाति की उत्पत्ति की एकता की अपेक्षा यह है कि वंश पर घमंड करना त्याग दिया जाए। info

• الإيمان ليس مجرد نطق لا يوافقه اعتقاد، بل هو اعتقاد بالجَنان، وقول باللسان، وعمل بالأركان.
• ईमान, दिल में यकीन के बिना सिर्फ ज़बान से बोलने का नाम नहीं है। बल्कि ईमान नाम है, दिल से यकीन रखने, ज़बान से इकरार करने और उस के अनुसार अमल करने का। info

• هداية التوفيق بيد الله وحده وهي فضل منه سبحانه ليست حقًّا لأحد.
• राह दिखाने का काम अल्लाह का है और यह उसके अनुग्रह से प्राप्त होता है। यह अल्लाह पर किसी का अधिकार नहीं है। info