クルアーンの対訳 - クルアーン簡潔注釈(ヒンディー語対訳)

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89 : 10

قَالَ قَدْ اُجِیْبَتْ دَّعْوَتُكُمَا فَاسْتَقِیْمَا وَلَا تَتَّبِعٰٓنِّ سَبِیْلَ الَّذِیْنَ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟

अल्लाह ने फरमाया : मैंने (ऐ मूसा और हारून!) तुम दोनों की फ़िरऔन और उसकी क़ौम की अशराफिया के विरूद्ध दुआ को स्वीकार कर लिया। अतः तुम दोनों अपने धर्म पर जमे रहो और उससे मुँह फेरकर उन अज्ञानियों के मार्ग का अनुसरण न करो, जो सत्य के मार्ग का ज्ञान नहीं रखते। info
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90 : 10

وَجٰوَزْنَا بِبَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ الْبَحْرَ فَاَتْبَعَهُمْ فِرْعَوْنُ وَجُنُوْدُهٗ بَغْیًا وَّعَدْوًا ؕ— حَتّٰۤی اِذَاۤ اَدْرَكَهُ الْغَرَقُ قَالَ اٰمَنْتُ اَنَّهٗ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا الَّذِیْۤ اٰمَنَتْ بِهٖ بَنُوْۤا اِسْرَآءِیْلَ وَاَنَا مِنَ الْمُسْلِمِیْنَ ۟

और हमने सागर को फाड़ने के बाद बनी इसराईल के लिए उसे पार करना आसान बना दिया, यहाँ तक कि उन्होंने उसे सुरक्षित रूप से पार कर लिया। फिर फ़िरऔन और उसके सैनिकों ने अत्याचार और ज़्यादती करते हुए उनका पीछा किया। यहाँ तक कि जब सागर के दोनों भाग उसपर मिल गए और वह डूबने लगा और बचने की कोई उम्मीद न रही, तो कहने लगा : मैं ईमान ले आया कि उसके सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं, जिसपर बनी इसराईल ईमान लाए हैं और मैं अल्लाह के आज्ञाकारियों में से हूँ। info
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91 : 10

آٰلْـٰٔنَ وَقَدْ عَصَیْتَ قَبْلُ وَكُنْتَ مِنَ الْمُفْسِدِیْنَ ۟

क्या तू जीवन से निराश होने के बाद अब ईमान ला रहा है?! हालाँकि (ऐ फ़िरऔन!) तू अल्लाह की यातना उतरने से पहले, उसका इनकार करके और उसके रास्ते से रोककर, अल्लाह की अवज्ञा करता रहा है और तू बिगाड़ पैदा करने वालों में से था, क्योंकि तू स्वयं पथभ्रष्ट था और दूसरों को भी पथभ्रष्ट करता था। info
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92 : 10

فَالْیَوْمَ نُنَجِّیْكَ بِبَدَنِكَ لِتَكُوْنَ لِمَنْ خَلْفَكَ اٰیَةً ؕ— وَاِنَّ كَثِیْرًا مِّنَ النَّاسِ عَنْ اٰیٰتِنَا لَغٰفِلُوْنَ ۟۠

आज हम तुझे (ऐ फिरऔन!) समुद्र से निकाल लेंगे और तुझे एक ऊँचे स्थान पर डाल देंगे, ताकि तेरे बाद आने वाले लोग तुझसे सीख ग्रहण करें। वास्तव में अधिकतर लोग हमारे तर्कों और हमारी शक्ति के प्रमाणों से अनभिज्ञ हैं, उनमें सोच-विचार नहीं करते। info
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93 : 10

وَلَقَدْ بَوَّاْنَا بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ مُبَوَّاَ صِدْقٍ وَّرَزَقْنٰهُمْ مِّنَ الطَّیِّبٰتِ ۚ— فَمَا اخْتَلَفُوْا حَتّٰی جَآءَهُمُ الْعِلْمُ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ یَقْضِیْ بَیْنَهُمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ فِیْمَا كَانُوْا فِیْهِ یَخْتَلِفُوْنَ ۟

और हमने बनी इसराईल को शाम (लेवंत) की धन्य भूमि में एक सुखद स्थान और एक मनभावन ठिकाना दिया और उन्हें हलाल व शुद्ध चीज़ों से जीविका प्रदान की। फिर उन्होंने अपने धर्म के मामले में मतभेद नहीं किया, यहाँ तक कि उनके पास क़ुरआन आ गया, जो मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के उन गुणों एवं विशेषताओं की पुष्टि करने वाला है, जो उन्होंने तौरात में पढ़ा था। फिर जब उन लोगों ने इसका इनकार कर दिया, तो उनके क्षेत्रों को छीन लिया गया। निश्चय ही (ऐ रसूल!) आपका पालनहार क़ियामत के दिन उनके बीच उस चीज़ के बारे में फ़ैसला कर देगा, जिसमें वे मतभेद कर रहे थे। फिर वह उनमें से सत्यवादी और असत्यवादी को वह बदला देगा, जिसका उन दोनों में से प्रत्येक हक़दार होगा। info
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94 : 10

فَاِنْ كُنْتَ فِیْ شَكٍّ مِّمَّاۤ اَنْزَلْنَاۤ اِلَیْكَ فَسْـَٔلِ الَّذِیْنَ یَقْرَءُوْنَ الْكِتٰبَ مِنْ قَبْلِكَ ۚ— لَقَدْ جَآءَكَ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّكَ فَلَا تَكُوْنَنَّ مِنَ الْمُمْتَرِیْنَ ۟ۙ

यदि (ऐ रसूल!) आप उस क़ुरआन की सच्चाई के बारे में, जो हमने आपकी ओर उतारा है, संदेह और अचरज में हैं, तो ईमान लाने वाले उन यहूदियों से पूछ लें जो तौरात पढ़ते हैं और उन ईसाइयों से पूछ लें जो इंजील पढ़ते हैं। वे आपको बताएँगे कि आपपर जो उतारा गया है, वह सत्य है; क्योंकि वे अपनी पुस्तकों में उसका विवरण पाते हैं। निःसंदेह आपके पास आपके पालनहार की ओर से वह सत्य आया है, जिसमें कोई संदेह नहीं है। अतः आप कदापि संदेह करने वालों में से न हों। info
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95 : 10

وَلَا تَكُوْنَنَّ مِنَ الَّذِیْنَ كَذَّبُوْا بِاٰیٰتِ اللّٰهِ فَتَكُوْنَ مِنَ الْخٰسِرِیْنَ ۟

और आप कदापि उन लोगों में से न हों, जिन्होंने अल्लाह के तर्कों एवं प्रमाणों को झुठला दिया। अन्यथा इसकी वजह से आप उन घाटा उठाने वाले लोगों में से हो जाएँगे, जिन्होंने अपने अविश्वास के कारण अपने आपको विनाश से ग्रस्त करके खुद अपना घाटा किया। यह सारी चेतावनी शक और इनकार के खतरे एवं गंभीरता को बयान करने के लिए है, अन्यथा नबी इस बात से मा'सूम (पवित्र) हैं कि उनकी ओर से इस तरह की कोई बात सामने आए। info
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96 : 10

اِنَّ الَّذِیْنَ حَقَّتْ عَلَیْهِمْ كَلِمَتُ رَبِّكَ لَا یُؤْمِنُوْنَ ۟ۙ

निःसंदेह जिन लोगों के विषय में अल्लाह का फ़ैसला सिद्ध हो चुका है कि वे कुफ़्र पर जमे रहने के कारण कुफ़्र ही पर मरेंगे, वे कभी भी ईमान नहीं लाएँगे। info
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97 : 10

وَلَوْ جَآءَتْهُمْ كُلُّ اٰیَةٍ حَتّٰی یَرَوُا الْعَذَابَ الْاَلِیْمَ ۟

यद्यपि उनके पास प्रत्येक धार्मिक अथवा ब्रह्मांडीय निशानी आ जाए। यहाँ तक कि वे दर्दनाक यातना अपनी आँखों से देख लें, तब वे ईमान ले आएँगे, जबकि उस समय ईमान लाना उनको लाभ नहीं देगा। info
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本諸節の功徳:
• وجوب الثبات على الدين، وعدم اتباع سبيل المجرمين.
• धर्म पर मज़बूती से जमे रहने और अपराधियों के मार्ग पर न चलने की अनिवार्यता। info

• لا تُقْبل توبة من حَشْرَجَت روحه، أو عاين العذاب.
• जिसके प्राण निकल रहे हों, या जो यातना को अपनी आँखों से देख ले, उसकी तौबा स्वीकार नहीं की जाती है। info

• أن اليهود والنصارى كانوا يعلمون صفات النبي صلى الله عليه وسلم، لكن الكبر والعناد هو ما منعهم من الإيمان.
• यहूदी और ईसाई नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की विशेषताओं को जानते थे, परंतु अहंकार और हठ ने उन्हें ईमान लाने से रोक दिया। info