Traduzione dei Significati del Sacro Corano - Traduzione indiana - Azizul-Haqq Al-Umary

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75 : 5

مَا الْمَسِیْحُ ابْنُ مَرْیَمَ اِلَّا رَسُوْلٌ ۚ— قَدْ خَلَتْ مِنْ قَبْلِهِ الرُّسُلُ ؕ— وَاُمُّهٗ صِدِّیْقَةٌ ؕ— كَانَا یَاْكُلٰنِ الطَّعَامَ ؕ— اُنْظُرْ كَیْفَ نُبَیِّنُ لَهُمُ الْاٰیٰتِ ثُمَّ انْظُرْ اَنّٰی یُؤْفَكُوْنَ ۟

मरयम का बेटा मसीह एक रसूल के सिवा कुछ नहीं। निश्चय उससे पहले बहुत-से रसूल गुज़र चुके और उसकी माँ सिद्दीक़ा (अत्यंत सच्ची) है। दोनों खाना खाया करते थे। देखो, हम उनके लिए किस तरह निशानियाँ स्पष्ट करते हैं। फिर देखो, वे किस तरह फेरे[47] जाते हैं। info

47. आयत का भावार्थ यह है कि ईसाइयों को भी मूल धर्म एकेश्वरवाद और सत्कर्म की शिक्षा दी गई थी। परंतु वे भी उससे फिर गए, तथा ईसा को स्वयं अल्लाह तथा अल्लाह का अंश बना दिया, और पिता-पुत्र और पवित्रात्मा तीनों के योग को एक प्रभु मानने लगे।

التفاسير: