Traduzione dei Significati del Sacro Corano - Traduzione indiana - Azizul-Haqq Al-Umary

external-link copy
47 : 39

وَلَوْ اَنَّ لِلَّذِیْنَ ظَلَمُوْا مَا فِی الْاَرْضِ جَمِیْعًا وَّمِثْلَهٗ مَعَهٗ لَافْتَدَوْا بِهٖ مِنْ سُوْٓءِ الْعَذَابِ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ ؕ— وَبَدَا لَهُمْ مِّنَ اللّٰهِ مَا لَمْ یَكُوْنُوْا یَحْتَسِبُوْنَ ۟

और जिन लोगों ने अत्याचार किया है, अगर धरती की सारी चीज़ें उनकी हो जाएँ, और उनके साथ उतना ही और भी, तो वे क़ियामत के दिन बुरी यातना से बचने के लिए इन सारी चीज़ों को फ़िदया में दे देंगे।[10] तथा अल्लाह की ओर से उनके लिए वह बात खुल जाएगी, जिसका वे गुमान भी न करते थे। info

10. परंतु वह सब स्वीकार्य नहीं होगा। (देखिए : सूरतुल-बक़रा, आयत : 48, तथा सूरत आल-इमरान, आयत : 91)

التفاسير: