Traduzione dei Significati del Sacro Corano - Traduzione indiana - Azizul-Haqq Al-Umary

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98 : 2

مَنْ كَانَ عَدُوًّا لِّلّٰهِ وَمَلٰٓىِٕكَتِهٖ وَرُسُلِهٖ وَجِبْرِیْلَ وَمِیْكٰىلَ فَاِنَّ اللّٰهَ عَدُوٌّ لِّلْكٰفِرِیْنَ ۟

जो कोई अल्लाह और उसके फ़रिश्तों और उसके रसूलों और जिबरील तथा मीकाल का शत्रु हो, तो निःसंदेह अल्लाह सब काफ़िरों का शत्रु है।[47] info

47. आयत का भावार्थ यह है कि जिसने अल्लाह के किसी रसूल - चाहे वह फ़रिश्ता हो या इनसान - से बैर रखा, तो वह सभी रसूलों का शत्रु तथा कुकर्मी है। (इब्ने कसीर)

التفاسير: