Traduzione dei Significati del Sacro Corano - Traduzione hindi dell'Abbreviata Esegesi del Nobile Corano

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109 : 5

یَوْمَ یَجْمَعُ اللّٰهُ الرُّسُلَ فَیَقُوْلُ مَاذَاۤ اُجِبْتُمْ ؕ— قَالُوْا لَا عِلْمَ لَنَا ؕ— اِنَّكَ اَنْتَ عَلَّامُ الْغُیُوْبِ ۟

ऐ लेगो! क़ियामत के दिन को याद करो, जब अल्लाह सभी रसूलों को इकट्ठा करेगा। फिर उनसे कहेगा : तुम्हारे उन समुदायों ने, जिनकी ओर तुम्हें भेजा गया था, तुम्हें क्या जवाब दिया? वे उसका जवाब अल्लाह को सौंपते हुए कहेंगे : हमें कुछ ज्ञान नहीं। बल्कि सारा ज्ञान - ऐ हमारे पालनहार! - केवल तुझे ही है, निःसंदेह तू ही एक अकेला है जो अनदेखी चीज़ों को जानता है। info
التفاسير:
Alcuni insegnamenti da trarre da questi versi sono:
• إثبات جمع الله للخلق يوم القيامة جليلهم وحقيرهم.
• इस बात का प्रमाण कि अल्लाह क़ियामत के दिन सारी सृष्टि को एकत्र करेगा, सम्मानित हो या नीच। info

• إثبات بشرية المسيح عليه السلام وإثبات آياته الحسية من إحياء الموتى وإبراء الأكمه والأبرص التي أجراها الله على يديه.
• मसीह अलैहिस्सलाम के मनुष्य होने को साबित करना, तथा मृतकों को पुनर्जीवित करने और अंधों और कोढ़ियों को चंगा करने जैसी उनकी भौतिक निशानियों (चमत्कारों) को साबित करना, जिन्हें अल्लाह ने उनके हाथों पर प्रकट किए। info

• بيان أن آيات الأنبياء تهدف لتثبيت الأتباع وإفحام المخالفين، وأنها ليست من تلقاء أنفسهم، بل تأتي بإذن الله تعالى.
• इस बात का वर्णन कि नबियों की निशानियों का उद्देश्य अनुयायियों को सुदृढ़ करना तथा विरोधियों को निरुत्तर करना होता है, और यह कि वे स्वयं उनकी ओर से नहीं होती हैं, बल्कि अल्लाह सर्वशक्तिमान की अनुमति से आती हैं। info