કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - હિન્દી ભાષામાં અલ્ મુખતસર ફી તફસીરિલ્ કુરઆનીલ્ કરીમ કિતાબનું અનુવાદ

अल्-अन्फ़ाल

સૂરતના હેતુઓ માંથી:
الامتنان على المؤمنين بنصر الله لهم في بدر، وبيان سنن النصر والهزيمة.
अल्लाह का ईमान वालों पर बद्र के युद्ध में उनकी मदद करने पर उपकार जताना, तथा जीत और हार के नियमों (क़वायद) का वर्णन। info

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1 : 8

یَسْـَٔلُوْنَكَ عَنِ الْاَنْفَالِ ؕ— قُلِ الْاَنْفَالُ لِلّٰهِ وَالرَّسُوْلِ ۚ— فَاتَّقُوا اللّٰهَ وَاَصْلِحُوْا ذَاتَ بَیْنِكُمْ ۪— وَاَطِیْعُوا اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗۤ اِنْ كُنْتُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۟

(ऐ रसूल!) आपके साथी आपसे ग़नीमतों (युद्ध में प्राप्त होने वाले धन) के विषय में पूछते हैं कि उन्हें कैसे विभाजित किया जाएगा? और किन लोगों में वितरण किया जाएगा? (ऐ रसूल!) उनके प्रश्न का उत्तर देते हुए कह दें : ग़नीमतें (युद्ध में प्राप्त धन) अल्लाह और उसके रसूल के लिए हैं और उन्हें खर्च करने और बाँटने के विषय में निर्णय का अधिकार अल्लाह और उसके रसूल का है। तुम्हारा काम केवल मान लेना और आज्ञापालन करना है। अतः (ऐ मोमिनो!) तुम अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई बातों से दूर रहकर, डरो। तथा तुम्हारे बीच जो संबंध-विच्छेद और वियोग है, उसे आपसी प्रेम, परस्पर संपर्क (संयोग), अच्छे शिष्टाचार और क्षमा के द्वारा सुधार लो। और अगर तुम सच में ईमान वाले हो, तो अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा का पालन करो। क्योंकि ईमान आज्ञापालन करने और गुनाहों से दूर रहने की प्रेरणा देता है। यह प्रश्न बद्र के युद्ध के बाद किया गया था। info
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2 : 8

اِنَّمَا الْمُؤْمِنُوْنَ الَّذِیْنَ اِذَا ذُكِرَ اللّٰهُ وَجِلَتْ قُلُوْبُهُمْ وَاِذَا تُلِیَتْ عَلَیْهِمْ اٰیٰتُهٗ زَادَتْهُمْ اِیْمَانًا وَّعَلٰی رَبِّهِمْ یَتَوَكَّلُوْنَ ۟ۚۙ

वास्तव में, ईमान वाले वही लोग हैं कि जब अल्लाह का वर्णन किया जाए, तो उनके दिल काँप उठते हैं, और उनके दिल और शरीर आज्ञापालन की ओर आकर्षित हो जाते हैं, और जब उनके सामने अल्लाह की आयतें पढ़ी जाती हैं, तो उनपर चिंतन करते हैं, जिसके फलस्वरूप उनका ईमान बढ़ जाता है, तथा वे अपने हितों को प्राप्त करने और अपनी बुराइयों को दूर करने में केवल अपने पालनहार ही पर भरोसा करते हैं। info
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3 : 8

الَّذِیْنَ یُقِیْمُوْنَ الصَّلٰوةَ وَمِمَّا رَزَقْنٰهُمْ یُنْفِقُوْنَ ۟ؕ

जो लोग समय पर पूर्ण रूप से नमाज़ अदा करते हैं और हमारे दिए हुए धन से उन जगहों में खर्च करते हैं, जहाँ खर्च करना वाजिब या मुस्तहब है। info
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4 : 8

اُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْمُؤْمِنُوْنَ حَقًّا ؕ— لَهُمْ دَرَجٰتٌ عِنْدَ رَبِّهِمْ وَمَغْفِرَةٌ وَّرِزْقٌ كَرِیْمٌ ۟ۚ

इन्हीं विशेषताओं के मालिक लोग सच्चे ईमान वाले हैं; क्योंकि उनके अंदर ईमान और इस्लाम की ज़ाहिरी विशेषताएँ मौजूद हैं। और उनका बदला उनके पालनहार के पास ऊँचे-ऊँचे घर, उनके गुनाहों की क्षमा और सम्मानित (उत्तम) जीविका है। ये वही नेमतें हैं, जो अल्लाह ने उनके लिए तैयार कर रखी हैं। info
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5 : 8

كَمَاۤ اَخْرَجَكَ رَبُّكَ مِنْ بَیْتِكَ بِالْحَقِّ ۪— وَاِنَّ فَرِیْقًا مِّنَ الْمُؤْمِنِیْنَ لَكٰرِهُوْنَ ۟ۙ

जिस प्रकार अल्लाह पाक ने, युद्ध में प्राप्त धन को विभाजित करने का मामला, उसके विभाजन के बारे में तुम्हारी असहमति और विवाद के बाद, तुम्हारे हाथ से ले लिया और उसे अल्लाह एवं उसके रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के अधिकार में दे दिया, उसी तरह आपके पालनहार ने (ऐ रसूल!) आपपर वह़्य उतारकर, बहुदेववादियों से युद्ध करने के लिए आपको मदीना से निकलने का आदेश दिया है, हालाँकि मोमिनों के एक गिरोह को यह पसंद नहीं था। info
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6 : 8

یُجَادِلُوْنَكَ فِی الْحَقِّ بَعْدَ مَا تَبَیَّنَ كَاَنَّمَا یُسَاقُوْنَ اِلَی الْمَوْتِ وَهُمْ یَنْظُرُوْنَ ۟ؕ

(ऐ रसूल!) मोमिनों का यह समूह बहुदेववादियों से युद्ध करने के बारे में आपके साथ बहस कर रहा था, जबकि उनके लिए यह स्पष्ट हो चुका था कि युद्ध होनी ही है। ऐसा मालूम हो रहा था कि वे मौत की ओर हाँके जा रहे हैं और वे उसे अपनी आँखों से देख रहे हैं। ऐसा इसलिए था कि उन्हें युद्ध के लिए निकलना सख़्त नापसंद था; क्योंकि उन्होंने उसके लिए कोई तैयारी नहीं की थी। info
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7 : 8

وَاِذْ یَعِدُكُمُ اللّٰهُ اِحْدَی الطَّآىِٕفَتَیْنِ اَنَّهَا لَكُمْ وَتَوَدُّوْنَ اَنَّ غَیْرَ ذَاتِ الشَّوْكَةِ تَكُوْنُ لَكُمْ وَیُرِیْدُ اللّٰهُ اَنْ یُّحِقَّ الْحَقَّ بِكَلِمٰتِهٖ وَیَقْطَعَ دَابِرَ الْكٰفِرِیْنَ ۟ۙ

और ऐ (झगड़ने वाले मोमिनो!) उस समय को याद करो, जब अल्लाह तुम्हें वचन दे रहा था कि तुम्हें बहुदेववादियों के दो गिरोहों में से एक पर विजय ज़रूर प्राप्त होगी। यह गिरोह या तो काफ़िला की शक्ल में होगा, जिसपर क़ब्ज़ा करके तुम उसके साथ मौजूद धन को ग़नीमत के धन के तौर पर प्राप्त कर लोगे, या मक्का से आए हुए जत्थे की शक्ल में होगा, जिससे लड़ाई करके उसपर विजय प्राप्त करोगे। और तुम चाहते थे कि तुम्हारा सामना क़ाफ़िले ही से हो, क्योंकि उसे बिना किसी लड़ाई के अपने नियंत्रण में करना आसान था। और अल्लाह चाहता था कि तुम्हें लड़ने का आदेश देकर सत्य को सत्य कर दिखाए; ताकि तुम बहुदेववादियों के सरदारों को क़त्ल करो, और उनमें से बहुतों को बंदी बना लो, और इस तरह इस्लाम की शक्ति का प्रदर्शन हो। info
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8 : 8

لِیُحِقَّ الْحَقَّ وَیُبْطِلَ الْبَاطِلَ وَلَوْ كَرِهَ الْمُجْرِمُوْنَ ۟ۚ

ताकि अल्लाह इस्लाम और मुसलमानों को विजय प्रदान करके सत्य को सत्य कर दिखाए, इस प्रकार कि उसकी सत्यता के सबूत प्रदर्शित कर दे। तथा असत्य के असत्य होने के प्रमाण सामने लाकर उसकी असत्यता को साबित कर दे। यद्यपि काफ़िरों को यह बुरा लगे, लेकिन अल्लाह इसे प्रकट ही करने वाला था। info
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આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• ينبغي للعبد أن يتعاهد إيمانه ويُنمِّيه؛ لأن الإيمان يزيد وينقص، فيزيد بفعل الطاعة وينقص بضدها.
• बंदे को चाहिए कि अपने ईमान की देखभाल करता रहे और उसे बढ़ाता रहे, क्योंकि ईमान घटता और बढ़ता है। वह आज्ञाकारिता से बढ़ता है और उसके विपरीत (अवज्ञा) से घटता है। info

• الجدال محله وفائدته عند اشتباه الحق والتباس الأمر، فأما إذا وضح وبان فليس إلا الانقياد والإذعان.
• बहस की गुंजाइश और उसकी उपयोगिता उस समय है, जब सत्य संदिग्ध हो और मामला उलझा हुआ हो, लेकिन जब सत्य स्पष्ट हो जाए, तो स्वीकारने और आज्ञापालन करने के अलावा कोई चारा नहीं रह जाता। info

• أَمْر قسمة الغنائم متروك للرّسول صلى الله عليه وسلم، والأحكام مرجعها إلى الله تعالى ورسوله لا إلى غيرهما.
• ग़नीमतों (युद्ध में प्राप्त धन) को विभाजित करने का मामला रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर छोड़ दिया गया है, तथा सभी अहकाम केवल अल्लाह और उसके रसूल की ओर लौटाए जाते हैं, किसी अन्य की ओर नहीं। info

• إرادة تحقيق النّصر الإلهي للمؤمنين؛ لإحقاق الحق وإبطال الباطل.
• सत्य को सत्य कर दिखाने और असत्य का असत्य होना सिद्ध करने के लिए अल्लाह की ओर से ईमान वालों को विजय प्रदान करने की इच्छा। info