Traduction des sens du Noble Coran - La traduction en hindi - 'Azîz Al-Ḥaqq Al-'Amrî

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127 : 37

فَكَذَّبُوْهُ فَاِنَّهُمْ لَمُحْضَرُوْنَ ۟ۙ

किंतु उन्होंने उसे झुठला दिया। तो निश्चय वे अवश्य हाज़िर किए जाने वाले हैं। info
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128 : 37

اِلَّا عِبَادَ اللّٰهِ الْمُخْلَصِیْنَ ۟

सिवाय अल्लाह के ख़ालिस किए हुए बंदों के। info
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129 : 37

وَتَرَكْنَا عَلَیْهِ فِی الْاٰخِرِیْنَ ۟ۙ

और हमने पीछे आने वालों में उसके लिए (अच्छा स्मरण) बाक़ी रखा। info
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130 : 37

سَلٰمٌ عَلٰۤی اِلْ یَاسِیْنَ ۟

सलाम हो इल्यासीन[19] पर। info

19. इल्यासीन इलयास ही का एक उच्चारण है। उन्हें अन्य धर्म ग्रंथों में इलया भी कहा गया है।

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131 : 37

اِنَّا كَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟

निःसंदेह हम सदाचारियों को इसी तरह बदला देते हैं। info
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132 : 37

اِنَّهٗ مِنْ عِبَادِنَا الْمُؤْمِنِیْنَ ۟

निश्चय वह हमारे ईमान वाले बंदों में से था। info
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133 : 37

وَاِنَّ لُوْطًا لَّمِنَ الْمُرْسَلِیْنَ ۟ؕ

और निःसंदेह लूत निश्चय रसूलों में से था। info
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134 : 37

اِذْ نَجَّیْنٰهُ وَاَهْلَهٗۤ اَجْمَعِیْنَ ۟ۙ

जब हमने उसे तथा उसके सब घर वालों को बचाया। info
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135 : 37

اِلَّا عَجُوْزًا فِی الْغٰبِرِیْنَ ۟

सिवाय एक बुढ़िया[20] के, जो पीछे रह जाने वालों में से थी। info

20. यह लूत (अलैहिस्सलाम) की काफ़िर पत्नी थी।

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136 : 37

ثُمَّ دَمَّرْنَا الْاٰخَرِیْنَ ۟

फिर हमने दूसरों का विनाश कर दिया। info
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137 : 37

وَاِنَّكُمْ لَتَمُرُّوْنَ عَلَیْهِمْ مُّصْبِحِیْنَ ۟ۙ

तथा निःसंदेह तुम[21] निश्चय सुबह के समय जाते हुए उनपर से गुज़रते हो। info

21. मक्का वासियों को संबोधित किया गया है।

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138 : 37

وَبِالَّیْلِ ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟۠

तथा रात के समय भी। तो क्या तुम समझते नहीं? info
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139 : 37

وَاِنَّ یُوْنُسَ لَمِنَ الْمُرْسَلِیْنَ ۟ؕ

तथा निःसंदेह यूनुस निश्चय रसूलों में से था। info
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140 : 37

اِذْ اَبَقَ اِلَی الْفُلْكِ الْمَشْحُوْنِ ۟ۙ

जब वह भरी नाव की ओर भागकर गया।[22] info

22. अल्लाह की अनुमति के बिना अपने नगर से नगर वासियों को यातना के आने की सूचना देकर निकल गए। और नाव पर सवार हो गए। नाव सागर की लहरों में घिर गई। इसलिए बोझ कम करने के लिए नाम निकाला गया, तो यूनुस अलैहिस्सलाम का नाम निकला और उन्हें समुद्र में फेंक दिया गया।

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141 : 37

فَسَاهَمَ فَكَانَ مِنَ الْمُدْحَضِیْنَ ۟ۚ

फिर वह क़ुर'आ में शामिल हुआ, तो हारने वालों में से हो गया। info
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142 : 37

فَالْتَقَمَهُ الْحُوْتُ وَهُوَ مُلِیْمٌ ۟

फिर मछली ने उसे निगल लिया, इस हाल में कि वह निंदनीय था। info
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143 : 37

فَلَوْلَاۤ اَنَّهٗ كَانَ مِنَ الْمُسَبِّحِیْنَ ۟ۙ

फिर अगर यह बात न होती कि वह अल्लाह की पवित्रता का वर्णन करने वालों में से था। info
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144 : 37

لَلَبِثَ فِیْ بَطْنِهٖۤ اِلٰی یَوْمِ یُبْعَثُوْنَ ۟ۚ

तो निश्चय वह उसके पेट में उस दिन तक रहता, जिसमें लोग उठाए जाएँगे।[23] info

23. अर्थात प्रयल के दिन तक। (देखिए : सूरतुल-अंबिया, आयत : 87)

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145 : 37

فَنَبَذْنٰهُ بِالْعَرَآءِ وَهُوَ سَقِیْمٌ ۟ۚ

फिर हमने उसे चटियल मैदान में फेंक दिया, इस हाल में कि वह बीमार[24] था। info

24. अर्थात निर्बल नवजात शिशु के समान।

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146 : 37

وَاَنْۢبَتْنَا عَلَیْهِ شَجَرَةً مِّنْ یَّقْطِیْنٍ ۟ۚ

तथा हमने उसपर एक लता वाला वृक्ष उगा दिया।[25] info

25. रक्षा के लिए।

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147 : 37

وَاَرْسَلْنٰهُ اِلٰی مِائَةِ اَلْفٍ اَوْ یَزِیْدُوْنَ ۟ۚ

तथा हमने उसे एक लाख की ओर भेजा, बल्कि वे अधिक होंगे। info
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148 : 37

فَاٰمَنُوْا فَمَتَّعْنٰهُمْ اِلٰی حِیْنٍ ۟ؕ

चुनाँचे वे ईमान ले आए, तो हमने उन्हें एक समय तक लाभ उठाने दिया।[26] info

26. देखिए : सूरत यूनुस।

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149 : 37

فَاسْتَفْتِهِمْ اَلِرَبِّكَ الْبَنَاتُ وَلَهُمُ الْبَنُوْنَ ۟ۙ

तो (ऐ नबी!) आप उनसे पूछें कि क्या आपके पालनहार के लिए बेटियाँ हैं और उनके लिए बेटे? info
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150 : 37

اَمْ خَلَقْنَا الْمَلٰٓىِٕكَةَ اِنَاثًا وَّهُمْ شٰهِدُوْنَ ۟

या हमने फ़रिश्तों को मादा पैदा किया, जबकि वे उस समय उपस्थित[27] थे? info

27. इसमें मक्का के मिश्रणवादियों का खंडन किया जा रहा है, जो फ़रिश्तों को अल्लाह की पुत्रियाँ कहते थे। जबकि वे स्वयं पुत्रियों के जन्म को अप्रिय मानते थे।

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151 : 37

اَلَاۤ اِنَّهُمْ مِّنْ اِفْكِهِمْ لَیَقُوْلُوْنَ ۟ۙ

सुन लो! निःसंदेह वे निश्चय अपने झूठ ही से कहते हैं। info
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152 : 37

وَلَدَ اللّٰهُ ۙ— وَاِنَّهُمْ لَكٰذِبُوْنَ ۟

कि अल्लाह ने संतान बनाया है। और निःसंदेह वे निश्चय झूठे हैं। info
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153 : 37

اَصْطَفَی الْبَنَاتِ عَلَی الْبَنِیْنَ ۟ؕ

क्या उसने पुत्रियों को पुत्रों पर प्राथमिकता दी? info
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