Traduction des sens du Noble Coran - La traduction en hindi - 'Azîz Al-Ḥaqq Al-'Amrî

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43 : 13

وَیَقُوْلُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لَسْتَ مُرْسَلًا ؕ— قُلْ كَفٰی بِاللّٰهِ شَهِیْدًا بَیْنِیْ وَبَیْنَكُمْ ۙ— وَمَنْ عِنْدَهٗ عِلْمُ الْكِتٰبِ ۟۠

और वे लोग जिन्होंने कुफ़्र किया, कहते हैं : आप किसी तरह रसूल नहीं हैं। आप कह दें : मेरे और तुम्हारे बीच अल्लाह ही गवाह पर्याप्त है, तथा वह व्यक्ति भी जिसके पास किताब का ज्ञान है।[25] info

25. अर्थात वे अह्ले किताब (यहूदी और ईसाई) जिनको अपनी पुस्तकों से नबी मुह़म्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के आने की शुभ सूचना का ज्ञान हुआ, तो वे इस्लाम ले आए, जैसे अब्दुल्लाह बिन सलाम तथा नजाशी (ह़ब्शा देश का राजा), और तमीम दारी इत्यादि। और वे आपके रसूल होने की गवाही देते हैं।

التفاسير: