Traduction des sens du Noble Coran - La traduction indienne du Résumé dans l'Exégèse du noble Coran

अज़्-ज़ुख़रुफ़

Parmi les objectifs de la sourate:
التحذير من الافتتان بزخرف الحياة الدنيا؛ لئلا يكون وسيلة للشرك.
सांसारिक जीवन के अलंकारों (चमक-दमक) से मोहित न होने की चेतावनी; ताकि ऐसा न हो कि वह शिर्क का साधन बन जाए। info

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1 : 43

حٰمٓ ۟ۚۛ

{हा, मीम।} सूरतुल-बक़रा की शुरुआत में इस प्रकार के अक्षरों के बारे में बात गुज़र चुकी है। info
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2 : 43

وَالْكِتٰبِ الْمُبِیْنِ ۟ۙۛ

अल्लाह ने सत्य का मार्ग दर्शाने वाले क़ुरआन की क़सम खाई है। info
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3 : 43

اِنَّا جَعَلْنٰهُ قُرْءٰنًا عَرَبِیًّا لَّعَلَّكُمْ تَعْقِلُوْنَ ۟ۚ

हमने इसे अरबों की भाषा का क़ुरआन बनाया है, ताकि (ऐ वे लोगो! जिनकी भाषा में कुरआन उतरा है) तुम उसके अर्थ को समझ सको और फिर उसे दूसरे समुदायों तक स्थानांतरित करो। info
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4 : 43

وَاِنَّهٗ فِیْۤ اُمِّ الْكِتٰبِ لَدَیْنَا لَعَلِیٌّ حَكِیْمٌ ۟ؕ

निःसंदेह यह क़ुरआन लौह़े मह़फ़ूज़ में बड़े ऊँचे स्थान वाला और हिकमत वाला है। उसकी आयतों को उसके आदेशों और निषेधों में सुदृढ़ बनाया गया है। info
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5 : 43

اَفَنَضْرِبُ عَنْكُمُ الذِّكْرَ صَفْحًا اَنْ كُنْتُمْ قَوْمًا مُّسْرِفِیْنَ ۟

क्या हम तुम्हारे ऊपर क़ुरआन उतारना, इस कारण से छोड़ दें कि तुम बहुत ज़्यादा शिर्क और पाप करते हो? हम ऐसा नहीं करेंगे। बल्कि तुम्हारे प्रति दया इसके विपरीत की अपेक्षा करती है। info
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6 : 43

وَكَمْ اَرْسَلْنَا مِنْ نَّبِیٍّ فِی الْاَوَّلِیْنَ ۟

और हमने पिछले समुदायों में कितने ही नबी भेजे। info
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7 : 43

وَمَا یَاْتِیْهِمْ مِّنْ نَّبِیٍّ اِلَّا كَانُوْا بِهٖ یَسْتَهْزِءُوْنَ ۟

तथा उन पिछले समुदायों के पास अल्लाह की ओर से जब भी कोई नबी आता, तो वे उसका मज़ाक़ उड़ाया करते थे। info
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8 : 43

فَاَهْلَكْنَاۤ اَشَدَّ مِنْهُمْ بَطْشًا وَّمَضٰی مَثَلُ الْاَوَّلِیْنَ ۟

अंततः हमने उन समुदायों को विनष्ट कर दिया, जो अधिक बलवान थे। इसलिए हम उनसे कमज़ोर लोगों को विनष्ट करने से विवश नहीं हो सकते। और क़ुरआन में पिछले समुदायों, जैसे आद, समूद, लूत अलैहिस्सलाम की जाति और मद्यन वालों के विनाश का हाल गुज़र चुका है। info
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9 : 43

وَلَىِٕنْ سَاَلْتَهُمْ مَّنْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ لَیَقُوْلُنَّ خَلَقَهُنَّ الْعَزِیْزُ الْعَلِیْمُ ۟ۙ

(ऐ रसूल!) अगर आप इन झुठलाने वाले मुश्रिकों से पूछें कि आकाशों को किसने पैदा किया और धरती को किसने पैदा किया? तो वे आपके सवाल का जवाब देते हुए अवश्य कहेंगे : उन्हें उस प्रभुत्वशाली अल्लाह ने पैदा किया है, जिसपर किसी का ज़ोर नहीं चलता, जो हर चीज़ को जानने वाला है। info
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10 : 43

الَّذِیْ جَعَلَ لَكُمُ الْاَرْضَ مَهْدًا وَّجَعَلَ لَكُمْ فِیْهَا سُبُلًا لَّعَلَّكُمْ تَهْتَدُوْنَ ۟ۚ

वही अल्लाह जिसने तुम्हारे लिए पृथ्वी को समतल बनाया। चुनाँचे उसे तुम्हारे लिए हमवार कर दिया जिसपर तुम अपने पैरों से चलते हो, तथा उसके पहाड़ों और घाटियों में तुम्हारे लिए रास्ते बना दिए, ताकि तुम अपने चलने में उनसे मार्गदर्शन प्राप्त कर सको। info
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Parmi les bénéfices ( méditations ) des versets de cette page:
• سمي الوحي روحًا لأهمية الوحي في هداية الناس، فهو بمنزلة الروح للجسد.
• लोगों का मार्गदर्शन करने में वह़्य के महत्व के कारण वह़्य को 'रूह़' (आत्मा) कहा गया है। क्योंकि यह शरीर के लिए आत्मा के समान स्थिति में है। info

• الهداية المسندة إلى الرسول صلى الله عليه وسلم هي هداية الإرشاد لا هداية التوفيق.
• रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को सौंपा गया मार्गदर्शन (हिदायत) केवल सत्यमार्ग को दर्शाना है, सत्यमार्ग को ग्रहण करने का सामर्थ्य (तौफीक़) प्रदान करना नहीं है। info

• ما عند المشركين من توحيد الربوبية لا ينفعهم يوم القيامة.
• मुश्रिकों के पास जो रुबूबियत का तौहीद (यानी अल्लाह को एकमात्र पालनहार स्वीकारने की मान्यता) है, वह क़ियामत के दिन उन्हें लाभ नहीं देगा। info