Traduction des sens du Noble Coran - La traduction indienne du Résumé dans l'Exégèse du noble Coran

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9 : 38

اَمْ عِنْدَهُمْ خَزَآىِٕنُ رَحْمَةِ رَبِّكَ الْعَزِیْزِ الْوَهَّابِ ۟ۚ

क्या इन झुठलाने वाले मुश्रिकों के पास आपके उस प्रभुत्वशाली पालनहार के अनुग्रह के खज़ाने हैं, जिसपर किसी का ज़ोर नहीं चलता, जो जिसे चाहता है जो चाहता है, देता है। तथा उसके अनुग्रह के खज़ानों में नुबुव्वत भी शामिल है। अतः वह जिसे चाहता है, उससे सम्मानित करता है। यह उनका नहीं है कि वे उसे जिसे चाहें दें और जिसे चाहें उससे वंचित कर दें। info
التفاسير:
Parmi les bénéfices ( méditations ) des versets de cette page:
• أقسم الله عز وجل بالقرآن العظيم، فالواجب تَلقِّيه بالإيمان والتصديق، والإقبال على استخراج معانيه.
• अल्लाह ने अपने महान क़ुरआन की क़सम खाई है। इसलिए आवश्यक है कि उसपर ईमान रखा जाए, उसकी पुष्टि की जाए और उसके अर्थों को निकालने पर ध्यान दिया जाए। info

• غلبة المقاييس المادية في أذهان المشركين برغبتهم في نزول الوحي على السادة والكبراء.
• बहुदेववादियों के मन में भौतिक मानकों की प्रधानता, कि उन्होंने सरदारों और बड़े लोगों पर वह़्य (प्रकाशना) उतरने की इच्छा की। info

• سبب إعراض الكفار عن الإيمان: التكبر والتجبر والاستعلاء عن اتباع الحق.
• काफ़िरों के ईमान से दूर होने का कारण : सत्य का पालन करने से अहंकार, अभिमान और घमंड था। info