Traducción de los significados del Sagrado Corán - Traducción india de Al-Mujtasar de la Exégesis del Sagrado Corán

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5 : 75

بَلْ یُرِیْدُ الْاِنْسَانُ لِیَفْجُرَ اَمَامَهٗ ۟ۚ

बल्कि इनसान मरणोपरांत दोबारा उठाए जाने का इनकार करके यह चाहता है कि वह आगे भी किसी रोक-टोक के बिना कुकर्म करता चला जाए। info
التفاسير:
Beneficios de los versículos de esta página:
• مشيئة العبد مُقَيَّدة بمشيئة الله.
• बंदे की इच्छा अल्लाह की इच्छा के अधीन है। info

• حرص رسول الله صلى الله عليه وسلم على حفظ ما يوحى إليه من القرآن، وتكفّل الله له بجمعه في صدره وحفظه كاملًا فلا ينسى منه شيئًا.
• अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम, क़ुरआन में से जो कुछ आपकी ओर वह़्य उतरती थी, उसे याद करने के लिए उत्सुक होते थे। तथा अल्लाह ने उसे आपके सीने में इकट्ठा करने और उसे पूर्ण रूप से संरक्षित करने की ज़िम्मेदारी ली है। इसलिए आप उसमें से कुछ भी नहीं भूलेंगे। info