Traducción de los significados del Sagrado Corán - Traducción india de Al-Mujtasar de la Exégesis del Sagrado Corán

अल्-ह़ुजुरात

Propósitos del Capítulo:
معالجة اللسان وبيان أثره على إيمان الفرد وأخلاق المجتمع.
ज़बान का उपचार करना तथा व्यक्ति के ईमान और समाज की नैतिकता पर उसके प्रभाव का वर्णन करना। info

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1 : 49

یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَا تُقَدِّمُوْا بَیْنَ یَدَیِ اللّٰهِ وَرَسُوْلِهٖ وَاتَّقُوا اللّٰهَ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ سَمِیْعٌ عَلِیْمٌ ۟

ऐ अल्लाह पर ईमान रखने वालो और उसकी शरीयत का पालन करने वालो! किसी वचन या कर्म द्वारा अल्लाह और उसके रसूल से आगे न बढ़ो। और अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, डरते रहो। निःसंदेह अल्लाह तुम्हारी बातों को सुनने वाला, तुम्हारे कार्यों को जानने वाला है। उनमें से कोई भी चीज़ उससे छूट नहीं सकती और वह तुम्हें उनका बदला देगा। info
التفاسير:

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2 : 49

یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَا تَرْفَعُوْۤا اَصْوَاتَكُمْ فَوْقَ صَوْتِ النَّبِیِّ وَلَا تَجْهَرُوْا لَهٗ بِالْقَوْلِ كَجَهْرِ بَعْضِكُمْ لِبَعْضٍ اَنْ تَحْبَطَ اَعْمَالُكُمْ وَاَنْتُمْ لَا تَشْعُرُوْنَ ۟

ऐ अल्लाह पर ईमान रखने वालो और उसकी शरीयत का पालन करने वालो! उसके रसूल के साथ शिष्टाचार से पेश आओ और नबी से बात करते समय अपनी आवाज़ को उनकी आवाज़ से ऊँची न होने दो, और उन्हें आपस में एक-दूसरे को पुकारने की तरह उनके नाम से न पुकारो। बल्कि उन्हें ऐ नबी! और ऐ रसूल! कहकर विनम्रता से पुकारो; ऐसा न हो कि कहीं तुम्हारे कर्मों का बदला अकारथ चला जाए और तुम्हें इसका एहसास तक न हो। info
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3 : 49

اِنَّ الَّذِیْنَ یَغُضُّوْنَ اَصْوَاتَهُمْ عِنْدَ رَسُوْلِ اللّٰهِ اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ امْتَحَنَ اللّٰهُ قُلُوْبَهُمْ لِلتَّقْوٰی ؕ— لَهُمْ مَّغْفِرَةٌ وَّاَجْرٌ عَظِیْمٌ ۟

जो लोग अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास अपनी आवाज़ें धीमी रखते हैं, वही लोग हैं, जिनके दिलों को अल्लाह ने अपनी परहेज़गारी के लिए जाँच लिया है और उन्हें उसके लिए चुन लिया है। उनके लिए उनके पापों की क्षमा है, इसलिए वह उनकी पकड़ नहीं करेगा। तथा उनके लिए क़ियामत के दिन महान प्रतिफल है, जो कि यह है कि अल्लाह उन्हें जन्नत में दाखिल करेगा। info
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4 : 49

اِنَّ الَّذِیْنَ یُنَادُوْنَكَ مِنْ وَّرَآءِ الْحُجُرٰتِ اَكْثَرُهُمْ لَا یَعْقِلُوْنَ ۟

जो बद्दू लोग (ऐ रसूल!) आपको, आपकी पत्नियों के कमरों के बाहर से पुकारते हैं, उनमें से अधिकांश नहीं समझते। info
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Beneficios de los versículos de esta página:
• تشرع الرحمة مع المؤمن، والشدة مع الكافر المحارب.
• एक मोमिन को ईमान वाले के साथ दयावान् और युद्ध करने वाले काफ़िर के लिए सख्त होना चाहिए। info

• التماسك والتعاون من أخلاق أصحابه صلى الله عليه وسلم.
• एकजुटता और परस्पर सहयोग नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथियों की नैतिकता में से हैं। info

• من يجد في قلبه كرهًا للصحابة الكرام يُخْشى عليه من الكفر.
• जो व्यक्ति अपने दिल में सम्मानित सहाबा के प्रति घृणा पाता है, उसके बारे में कुफ़्र का डर है। info

• وجوب التأدب مع رسول الله صلى الله عليه وسلم، ومع سُنَّته، ومع ورثته (العلماء).
• अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथ, आपकी सुन्नत के साथ और आपके वारिसों (विद्वानों) के साथ शिष्टाचार अपनाना अनिवार्य है। info