Traducción de los significados del Sagrado Corán - Traducción india de Al-Mujtasar de la Exégesis del Sagrado Corán

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112 : 37

وَبَشَّرْنٰهُ بِاِسْحٰقَ نَبِیًّا مِّنَ الصّٰلِحِیْنَ ۟

तथा हमने उन्हें एक और बालक की शुभ सूचना दी, जो नबी और नेक बंदा बनेगा, और वह इसहाक़ अलैहिस्सलाम हैं। यह उनके अपने इकलौते बेटे इसमाईल अलैहिस्सलाम को ज़बह करने में अल्लाह का आज्ञापालन करने के बदले के तौर पर है। info
التفاسير:
Beneficios de los versículos de esta página:
• قوله: ﴿فَلَمَّآ أَسْلَمَا﴾ دليل على أن إبراهيم وإسماعيل عليهما السلام كانا في غاية التسليم لأمر الله تعالى.
• अल्लाह तआला का फ़रमान : {فَلَمَّآ أَسْلَمَا} इस बात का प्रमाण है कि इबराहीम और इसमाईल अलैहिमस्सलाम अल्लाह के आदेश के प्रति अत्यंत समर्पित थे। info

• من مقاصد الشرع تحرير العباد من عبودية البشر.
• शरीयत का एक उद्देश्य लोगों को मानव दासता से आज़ाद कराना है। info

• الثناء الحسن والذكر الطيب من النعيم المعجل في الدنيا.
• अच्छी प्रशंसा और शुभ-चर्चा दुनिया में शीघ्र प्राप्त होने वाली नेमतों में से है। info