Traducción de los significados del Sagrado Corán - Traducción india de Al-Mujtasar de la Exégesis del Sagrado Corán

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26 : 33

وَاَنْزَلَ الَّذِیْنَ ظَاهَرُوْهُمْ مِّنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ مِنْ صَیَاصِیْهِمْ وَقَذَفَ فِیْ قُلُوْبِهِمُ الرُّعْبَ فَرِیْقًا تَقْتُلُوْنَ وَتَاْسِرُوْنَ فَرِیْقًا ۟ۚ

अल्लाह ने यहूदियों में से उन लोगों को, जिन्होंने काफ़िरों की सहायता की थी, उनके उन क़िलों से उतार दिया, जहाँ वे अपने दुश्मनों से बचने के लिए शरण लेते थे। और उनके दिलों में भय डाल दिया। चुनाँचे तुम (ऐ ईमान वालो) उनके एक गिरोह को क़त्ल कर रहे थे और एक गिरोह को बंदी बना रहे थे। info
التفاسير:
Beneficios de los versículos de esta página:
• تزكية الله لأصحاب رسول الله صلى الله عليه وسلم ، وهو شرف عظيم لهم.
• अल्लाह का अपने रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथियों को सच्चा घोषित करना (उनकी प्रशंसा करना), और यह उनके लिए एक महान सम्मान है। info

• عون الله ونصره لعباده من حيث لا يحتسبون إذا اتقوا الله.
• बंदे अगर अल्लाह का तक़्वा (ईशभय) अपनाएँ, तो वह उनकी इस तरह मदद करता है कि वे सोच भी नहीं सकते। info

• سوء عاقبة الغدر على اليهود الذين ساعدوا الأحزاب.
• काफ़िरों के जत्थों की मदद करने वाले यहूदियों पर विश्वासघात का बुरा परिणाम। info

• اختيار أزواج النبي صلى الله عليه وسلم رضا الله ورسوله دليل على قوة إيمانهنّ.
• नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की पत्नियों का अल्लाह और उसके रसूल की प्रसन्नता को चुनना, उनके ईमान की शक्ति का प्रमाण है। info