Traducción de los significados del Sagrado Corán - Traducción india de Al-Mujtasar de la Exégesis del Sagrado Corán

अस्-सज्दा

Propósitos del Capítulo:
بيان حقيقة الخلق وأحوال الإنسان في الدنيا والآخرة.
सृष्टि की वास्तविकता तथा दुनिया और आख़िरत में मनुष्य की स्थितियों का वर्णन। info

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1 : 32

الٓمّٓ ۟ۚ

(अलिफ़, लाम, मीम) सूरतुल-बक़रा की शुरुआत में इस प्रकार के अक्षरों के बारे में बात गुज़र चुकी है। info
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2 : 32

تَنْزِیْلُ الْكِتٰبِ لَا رَیْبَ فِیْهِ مِنْ رَّبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟ؕ

यह क़ुरआन, जो मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम लेकर आए हैं, आपपर सर्व संसार के पालनहार की ओर से उतारा गया है, इसमें कोई संदेह नहीं है। info
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3 : 32

اَمْ یَقُوْلُوْنَ افْتَرٰىهُ ۚ— بَلْ هُوَ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّكَ لِتُنْذِرَ قَوْمًا مَّاۤ اَتٰىهُمْ مِّنْ نَّذِیْرٍ مِّنْ قَبْلِكَ لَعَلَّهُمْ یَهْتَدُوْنَ ۟

ये काफ़िर लोग कहते हैं : मुहम्मद ने इसे अपने पालनहार पर गढ़ लिया है। मामला ऐसा नहीं है जैसा उन्होंने कहा है। बल्कि वह सत्य है, जिसमें कोई संदेह नहीं है, वह (ऐ रसूल) आपके ऊपर आपके पालनहार की ओर से उतारा गया है, ताकि आप उन लोगों को डराएँ, जिनके पास आपसे पहले कोई रसूल नहीं आया, जो उन्हें अल्लाह की यातना से डराता। ताकि वे सत्य के मार्ग पर जाएँ, और उसका पालन करें और उसके अनुसार कार्य करें। info
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4 : 32

اَللّٰهُ الَّذِیْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَمَا بَیْنَهُمَا فِیْ سِتَّةِ اَیَّامٍ ثُمَّ اسْتَوٰی عَلَی الْعَرْشِ ؕ— مَا لَكُمْ مِّنْ دُوْنِهٖ مِنْ وَّلِیٍّ وَّلَا شَفِیْعٍ ؕ— اَفَلَا تَتَذَكَّرُوْنَ ۟

अल्लाह वह है, जिसने आकाशों की रचना, धरती की रचना और उन दोनों के बीच की सभी चीज़ों की रचना छः दिनों में की। जबकि वह पलक झपकने से कम समय में भी उन्हें पैदा करने में सक्षम है। फिर वह अपनी महिमा के योग्य अर्श (सिंहासन) पर बुलंद हुआ। (ऐ लोगो!) उसके सिवा तुम्हारा कोई संरक्षक नहीं है, जो तुम्हारे मामले का प्रभार ले, और न कोई सिफ़ारिशी है, जो तुम्हारे पालनहार के पास तुम्हारे लिए सिफ़ारिश करे। तो क्या तुम सोच-विचार नहीं करते, और उस अल्लाह की इबादत करते, जिसने तुम्हें पैदा किया और उसके साथ उसके अलावा की इबादत न करते?! info
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5 : 32

یُدَبِّرُ الْاَمْرَ مِنَ السَّمَآءِ اِلَی الْاَرْضِ ثُمَّ یَعْرُجُ اِلَیْهِ فِیْ یَوْمٍ كَانَ مِقْدَارُهٗۤ اَلْفَ سَنَةٍ مِّمَّا تَعُدُّوْنَ ۟

सर्वशक्तिमान अल्लाह आकाशों और धरती के सभी प्राणियों के मामले का प्रबंध करता है, फिर वह मामला उसकी ओर एक ऐसे दिन में ऊपर जाता है, जो दुनिया के तुम्हारे हिसाब के अनुसार एक हज़ार दिन के बराबर है। info
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6 : 32

ذٰلِكَ عٰلِمُ الْغَیْبِ وَالشَّهَادَةِ الْعَزِیْزُ الرَّحِیْمُ ۟ۙ

वह (अल्लाह) जो इन सब का प्रबंधन करता है, वही जानने वाला है जो कुछ अनुपस्थित है और जो कुछ मौजूद है। आकाशों और धरती की कोई चीज़ उससे छिपी नहीं है। (वह) प्रभुत्वशाली है, जिसपर किसी का ज़ोर नहीं चलता, जो अपने दुश्मनों से बदला लेता है, (और) अपने मोमिन बंदों पर दया करने वाला है। info
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7 : 32

الَّذِیْۤ اَحْسَنَ كُلَّ شَیْءٍ خَلَقَهٗ وَبَدَاَ خَلْقَ الْاِنْسَانِ مِنْ طِیْنٍ ۟ۚ

जिसने अपनी पैदा की हुई हर चीज़ को अच्छा बनाया और किसी पूर्व उदाहरण के बिना आदम की रचना की शुरुआत मिट्टी से की। info
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8 : 32

ثُمَّ جَعَلَ نَسْلَهٗ مِنْ سُلٰلَةٍ مِّنْ مَّآءٍ مَّهِیْنٍ ۟ۚ

फिर उसके बाद उसकी संतान को उस पानी से पैदा किया, जो उसके शरीर से निकला, जिससे वीर्य निकला। info
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9 : 32

ثُمَّ سَوّٰىهُ وَنَفَخَ فِیْهِ مِنْ رُّوْحِهٖ وَجَعَلَ لَكُمُ السَّمْعَ وَالْاَبْصَارَ وَالْاَفْـِٕدَةَ ؕ— قَلِیْلًا مَّا تَشْكُرُوْنَ ۟

फिर ठीक-ठाक करके इनसान की रचना पूरी की और प्राण फूँकने के कार्य पर नियुक्त फ़रिश्ते को आदेश देकर उसके अंदर अपना प्राण फूँक दिया। और उसने (ऐ लोगो) तुम्हें सुनने के लिए कान दिए, और देखने के लिए आँखें दीं, और समझने के लिए दिल दिए। तुम इन नेमतों का बहुत ही कम शुक्रिया अदा करते हो, जो अल्लाह ने तुम्हें दी हैं। info
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10 : 32

وَقَالُوْۤا ءَاِذَا ضَلَلْنَا فِی الْاَرْضِ ءَاِنَّا لَفِیْ خَلْقٍ جَدِیْدٍ ؕ۬— بَلْ هُمْ بِلِقَآءِ رَبِّهِمْ كٰفِرُوْنَ ۟

और मरणोपरांत दोबारा जीवित होकर उठने का इनकार करने वाले बहुदेववादियों ने कहा : जब हम मर जाएँगे और धरती में गायब हो जाएँगे, और हमारे शरीर मिट्टी हो जाएँगे, तो क्या हम नए सिरे से जीवित करके उठाए जाएँगे?! यह बात समझ से परे है। बल्कि वास्तव में वे मरणोपरांत दोबारा जीवित होकर उठने का इनकार करने वाले हैं और इस पर विश्वास नहीं करते। info
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11 : 32

قُلْ یَتَوَفّٰىكُمْ مَّلَكُ الْمَوْتِ الَّذِیْ وُكِّلَ بِكُمْ ثُمَّ اِلٰی رَبِّكُمْ تُرْجَعُوْنَ ۟۠

(ऐ रसूल) मरणोपरांत दोबारा जीवित होकर उठने का इनकार करने वाले इन बहुदेववादियों से कह दें : तुम्हें मौत का फरिश्ता मौत देगा, जिसे अल्लाह ने तुम्हारे प्राण निकालने के लिए अधिकृत किया है। फिर क़ियामत के दिन तुम अकेले हमारे ही पास हिसाब और बदला के लिए लौटाए जाओगे। info
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Beneficios de los versículos de esta página:
• الحكمة من بعثة الرسل أن يهدوا أقوامهم إلى الصراط المستقيم.
• रसूलों के भेजे जाने का उद्देश्य यह है कि वे अपने लोगों को सीधा मार्ग दिखाएँ। info

• ثبوت صفة الاستواء لله من غير تشبيه ولا تمثيل.
• बिना उपमा या उदाहरण के अल्लाह के लिए 'इस्तिवा' की विशेषता साबित करना info

• استبعاد المشركين للبعث مع وضوح الأدلة عليه.
• स्पष्ट प्रमाण होने के बावजूद मुश्रिकों का मरणोपरांत दोबारा जीवित होने को ख़ारिज कर देना। info