Traducción de los significados del Sagrado Corán - Traducción india de Al-Mujtasar de la Exégesis del Sagrado Corán

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63 : 3

فَاِنْ تَوَلَّوْا فَاِنَّ اللّٰهَ عَلِیْمٌۢ بِالْمُفْسِدِیْنَ ۟۠

यदि वे उससे फिर जाएँ, जो आप लेकर आए हैं और वे आपके पीछे न चलें; तो यह उनकी भ्रष्टता (बिगाड़) के कारण है, और अल्लाह धरती पर बिगाड़ करने वालों को खूब जानने वाला है और वह उन्हें उसका बदला देगा। info
التفاسير:
Beneficios de los versículos de esta página:
• أن الرسالات الإلهية كلها اتفقت على كلمة عدل واحدة، وهي: توحيد الله تعالى والنهي عن الشرك.
• सभी ईश्वरीय संदेश न्याय के एक शब्द पर सहमत हैं। और वह है : अल्लाह को एकमात्र पूज्य मानना और बहुदेववाद (शिर्क) का निषेध। info

• أهمية العلم بالتاريخ؛ لأنه قد يكون من الحجج القوية التي تُرَدُّ بها دعوى المبطلين.
• इतिहास के ज्ञान का महत्व। क्योंकि यह उन मज़बूत तर्कों में से एक हो सकता है जिसके साथ असत्यवादियों के दावे को खारिज किया जाता है। info

• أحق الناس بإبراهيم عليه السلام من كان على ملته وعقيدته، وأما مجرد دعوى الانتساب إليه مع مخالفته فلا تنفع.
• इबराहीम - अलैहिस्सलाम - के सबसे योग्य वह व्यक्ति है, जो उनके धर्म और विश्वास पर क़ायम हो। परंतु उनका विरोध करते हुए उनके साथ संबद्धता का मात्र दावा करना लाभदायक नहीं है। info

• دَلَّتِ الآيات على حرص كفرة أهل الكتاب على إضلال المؤمنين من هذه الأمة حسدًا من عند أنفسهم.
• इन आयतों से पता चला कि अह्ले किताब के काफ़िर, अपनी ईर्ष्या के कारण, इस उम्मत के ईमान वालों को पथभ्रष्ट करने के लिए बड़े उत्सुक होते हैं। info