Traducción de los significados del Sagrado Corán - Traducción india de Al-Mujtasar de la Exégesis del Sagrado Corán

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171 : 3

یَسْتَبْشِرُوْنَ بِنِعْمَةٍ مِّنَ اللّٰهِ وَفَضْلٍ ۙ— وَّاَنَّ اللّٰهَ لَا یُضِیْعُ اَجْرَ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟

इसके साथ ही, वे अल्लाह की ओर से उनकी प्रतीक्षा कर रहे महान प्रतिफल, और उस प्रतिफल में महान वृद्धि से प्रसन्न हो रहे हैं, और इससे भी (प्रसन्न हैं) कि सर्वशक्तिमान अल्लाह विश्वासियों के प्रतिफल को विनष्ट नहीं करता, बल्कि उन्हें उनका पूरा-पूरा बदला देता है और उन्हें उसपर बढ़ाकर देता है। info
التفاسير:
Beneficios de los versículos de esta página:
• من سنن الله تعالى أن يبتلي عباده؛ ليتميز المؤمن الحق من المنافق، وليعلم الصادق من الكاذب.
• सर्वशक्तिमान अल्लाह का नियम है कि वह अपने बंदों का परीक्षण करता है; ताकि सच्चा मोमिन, मुनाफ़िक़ (पाखंडी) से अलग हो जाए और ताकि सच्चे और झूठे की पहचान हो जाए। info

• عظم منزلة الجهاد والشهادة في سبيل الله وثواب أهله عند الله تعالى حيث ينزلهم الله تعالى بأعلى المنازل.
• अल्लाह के रास्ते में जिहाद और शहादत का महान स्थान और अल्लाह तआला के यहाँ शहीदों का महान प्रतिफल कि अल्लाह उन्हें सर्वोच्च स्थान प्रदान करेगा। info

• فضل الصحابة وبيان علو منزلتهم في الدنيا والآخرة؛ لما بذلوه من أنفسهم وأموالهم في سبيل الله تعالى.
• सहाबा की श्रेष्ठता और दुनिया एवं आख़िरत में उनके ऊँचे स्थान का बयान। क्योंकि उन्होंने अल्लाह के रास्ते में अपनी जानो और धनों को न्योछावर कर दिया। info