Traducción de los significados del Sagrado Corán - Traducción india de Al-Mujtasar de la Exégesis del Sagrado Corán

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90 : 10

وَجٰوَزْنَا بِبَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ الْبَحْرَ فَاَتْبَعَهُمْ فِرْعَوْنُ وَجُنُوْدُهٗ بَغْیًا وَّعَدْوًا ؕ— حَتّٰۤی اِذَاۤ اَدْرَكَهُ الْغَرَقُ قَالَ اٰمَنْتُ اَنَّهٗ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا الَّذِیْۤ اٰمَنَتْ بِهٖ بَنُوْۤا اِسْرَآءِیْلَ وَاَنَا مِنَ الْمُسْلِمِیْنَ ۟

और हमने सागर को फाड़ने के बाद बनी इसराईल के लिए उसे पार करना आसान बना दिया, यहाँ तक कि उन्होंने उसे सुरक्षित रूप से पार कर लिया। फिर फ़िरऔन और उसके सैनिकों ने अत्याचार और ज़्यादती करते हुए उनका पीछा किया। यहाँ तक कि जब सागर के दोनों भाग उसपर मिल गए और वह डूबने लगा और बचने की कोई उम्मीद न रही, तो कहने लगा : मैं ईमान ले आया कि उसके सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं, जिसपर बनी इसराईल ईमान लाए हैं और मैं अल्लाह के आज्ञाकारियों में से हूँ। info
التفاسير:
Beneficios de los versículos de esta página:
• وجوب الثبات على الدين، وعدم اتباع سبيل المجرمين.
• धर्म पर मज़बूती से जमे रहने और अपराधियों के मार्ग पर न चलने की अनिवार्यता। info

• لا تُقْبل توبة من حَشْرَجَت روحه، أو عاين العذاب.
• जिसके प्राण निकल रहे हों, या जो यातना को अपनी आँखों से देख ले, उसकी तौबा स्वीकार नहीं की जाती है। info

• أن اليهود والنصارى كانوا يعلمون صفات النبي صلى الله عليه وسلم، لكن الكبر والعناد هو ما منعهم من الإيمان.
• यहूदी और ईसाई नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की विशेषताओं को जानते थे, परंतु अहंकार और हठ ने उन्हें ईमान लाने से रोक दिया। info