Traducción de los significados del Sagrado Corán - Traducción india de Al-Mujtasar de la Exégesis del Sagrado Corán

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81 : 10

فَلَمَّاۤ اَلْقَوْا قَالَ مُوْسٰی مَا جِئْتُمْ بِهِ ۙ— السِّحْرُ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ سَیُبْطِلُهٗ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ لَا یُصْلِحُ عَمَلَ الْمُفْسِدِیْنَ ۟

फिर जब उन्होंने अपने पास मौजूद जादू को फेंक दिया, तो मूसा अलैहिस्सलाम ने उनसे कहा : जो कुछ तुमने दिखाया है, वह जादू है। निःसंदेह अल्लाह, जो कुछ तुमने किया है, उसे इस तरह विनष्ट कर देगा कि उसका कोई निशान नहीं रहेगा। वास्तव में, तुम लोग अपने जादू द्वारा धरती में बिगाड़ पैदा करने वाले हो, और अल्लाह बिगाड़ पैदा करने वाले के कार्य को नहीं सुधारता है। info
التفاسير:
Beneficios de los versículos de esta página:
• الثقة بالله وبنصره والتوكل عليه ينبغي أن تكون من صفات المؤمن القوي.
• अल्लाह पर और उसकी मदद पर विश्वास और उसपर भरोसा एक मज़बूत ईमान वाले व्यक्ति का प्रमुख गुण होना चाहिए। info

• بيان أهمية الدعاء، وأنه من صفات المتوكلين.
• दुआ के महत्व का उल्लेख, और यह कि यह अल्लाह पर भरोसा रखने वालों की विशेषताओं में से एक है। info

• تأكيد أهمية الصلاة ووجوب إقامتها في كل الرسالات السماوية وفي كل الأحوال.
• सभी आसमानी संदेशों और सभी परिस्थितियों में नमाज़ के महत्व और इसे स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। info

• مشروعية الدعاء على الظالم.
• अत्याचार करने वाले व्यक्ति को बददुआ देना जायज़ है। info