6. इस आयत में सीधे मार्ग का चिह्न यह बताया गया है कि यह उनका मार्ग है, जिनपर अल्लाह का पुरस्कार हुआ। उनका नहीं, जो प्रकोपित हुए और न उनका, जो सत्य मार्ग से बहक गए। 7. 'प्रकोपित' से अभिप्राय वे हैं, जो सत्य धर्म को, जानते हुए, मात्र अभिमान अथवा अपने पुर्वजों की परंपरागत प्रथा के मोह में अथवा अपनी बड़ाई के जाने के भय से, नहीं मानते। 'गुमराह' से अभिप्रेत वे हैं, जो सत्य धर्म के होते हुए, उससे दूर हो गए और देवी-देवताओं आदि में अल्लाह के विशेष गुण मानकर उनको रोग निवारण, दुःख दूर करने और सुख-संतान आदि देने के लिए गुहारने लगे।