Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran

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114 : 4

لَا خَیْرَ فِیْ كَثِیْرٍ مِّنْ نَّجْوٰىهُمْ اِلَّا مَنْ اَمَرَ بِصَدَقَةٍ اَوْ مَعْرُوْفٍ اَوْ اِصْلَاحٍ بَیْنَ النَّاسِ ؕ— وَمَنْ یَّفْعَلْ ذٰلِكَ ابْتِغَآءَ مَرْضَاتِ اللّٰهِ فَسَوْفَ نُؤْتِیْهِ اَجْرًا عَظِیْمًا ۟

बहुत-सी ऐसी बातें जो लोग छिपाकर करते हैं,उनमें कोई भलाई नहीं है और न उनसे कोई लाभ मिलता है। हाँ, अगर उनकी बात में दान का या किसी ऐसी बात (नेकी) का आदेश हो जो शरीयत द्वारा आई हो और बुद्धि ने उसकी पुष्टि की हो, या दो झगड़ने वालों के बीच सुलह-सफाई का आह्वान हो (तो यह भली बात है)। तथा जो व्यक्ति अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए ऐसा करेगा, हम जल्द ही उसे बहुत बड़ा सवाब प्रदान करेंगे। info
التفاسير:
Benefits of the verses in this page:
• أكثر تناجي الناس لا خير فيه، بل ربما كان فيه وزر، وقليل من كلامهم فيما بينهم يتضمن خيرًا ومعروفًا.
• लोगों की अकसर कानाफूसियों में कोई भलाई नहीं होती, बल्कि उसमें गुनाह भी हो सकता है। उनकी आपस की बहुत कम ही बात-चीत में कोई भलाई और अच्छाई होती है। info

• معاندة الرسول صلى الله عليه وسلم ومخالفة سبيل المؤمنين نهايتها البعد عن الله ودخول النار.
• अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से दुश्मनी और मोमिनों के रास्ते का विरोध करने का अंत, अल्लाह से दूर होना और जहन्नम में प्रवेश करना है। info

• كل الذنوب تحت مشيئة الله، فقد يُغفر لصاحبها، إلا الشرك، فلا يغفره الله أبدًا، إذا لم يتب صاحبه ومات عليه.
• शिर्क (बहुदेववाद) को छोड़कर, सभी पाप अल्लाह की इच्छा के अधीन हैं, जिनके करने वाले को क्षमा किया जा सकता है। लेकिन शिर्क को अल्लाह कभी माफ़ नहीं करेगा, यदि शिर्क करने वाला पश्चाताप नहीं करता है और उसी पर मर जाता है। info

• غاية الشيطان صرف الناس عن عبادة الله تعالى، ومن أعظم وسائله تزيين الباطل بالأماني الغرارة والوعود الكاذبة.
• शैतान का लक्ष्य लोगों को सर्वशक्तिमान अल्लाह की उपासना करने से विचलित करना है और उसके सबसे महान साधनों में से एक असत्य को छलपूर्ण आकांक्षाओं और झूठे वादों के द्वारा सुसज्जित करना है। info