Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran

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44 : 10

اِنَّ اللّٰهَ لَا یَظْلِمُ النَّاسَ شَیْـًٔا وَّلٰكِنَّ النَّاسَ اَنْفُسَهُمْ یَظْلِمُوْنَ ۟

निःसंदेह अल्लाह अपने बंदों पर अत्याचार करने से पाक है। वह उनपर कणभर भी अत्याचार नहीं करता, परंतु वे स्वयं ही असत्य के पक्षपात, अहंकार और हठ के कारण खुद को विनाश के साधनों में लाकर अपनी जानों पर अत्याचार करते हैं। info
التفاسير:
Benefits of the verses in this page:
• الإنسان هو الذي يورد نفسه موارد الهلاك، فالله مُنَزَّه عن الظلم.
• मनुष्य स्वयं ही अपने आपको विनाश की जगहों में लाता है, क्योंकि अल्लाह अत्याचार से परे है। info

• مهمة الرسول هي التبليغ للمرسل إليهم، والله يتولى حسابهم وعقابهم بحكمته، فقد يعجله في حياة الرسول أو يؤخره بعد وفاته.
• रसूल का कार्य उन लोगों को अल्लाह का संदेश पहुँचा देना है, जिनकी ओर उसे भेजा गया है, जबकि अल्लाह उनके हिसाब का प्रभार लेता है और अपनी हिकमत के अनुसार उन्हें दंडित करता है। चुनाँचे कभी रसूल के जीवनकाल ही में दंडित कर देता है और कभी उसकी मृत्यु के बाद विलंबित कर देता है। info

• النفع والضر بيد الله عز وجل، فلا أحد من الخلق يملك لنفسه أو لغيره ضرًّا ولا نفعًا.
• लाभ और हानि सर्वशक्तिमान अल्लाह के हाथ में है। अतः सृष्टि में से कोई भी अपने लिए या दूसरों के लिए हानि या लाभ का अधिकार नहीं रखता। info

• لا ينفع الإيمان صاحبه عند معاينة الموت.
•मृत्यु को देखकर ईमान लाने से इनसान को कोई फ़ायदा नहीं होगा। info