Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - Die Übersetzung in Hindi - Azizul-Haqq Al-Umari

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10 : 18

اِذْ اَوَی الْفِتْیَةُ اِلَی الْكَهْفِ فَقَالُوْا رَبَّنَاۤ اٰتِنَا مِنْ لَّدُنْكَ رَحْمَةً وَّهَیِّئْ لَنَا مِنْ اَمْرِنَا رَشَدًا ۟

जब उन युवकों ने गुफा में शरण ली[4], तो उन्होंने कहा : ऐ हमारे पालनहार! हमें अपने पास से दया प्रदान कर और हमारे लिए हमारे मामले में मार्गदर्शन (सीधे रास्ते पर चलने) को आसान कर दे। info

4. अर्थात नवयुवकों ने अपने ईमान की रक्षा के लिए गुफा में शरण ली। जिस गुफा के ऊपर आगे चलकर उनके नामों का स्मारक शिलालेख लगा दिया गया था। उल्लेखों से यह विदित होता है कि युवक ईसा अलैहिस्सलाम के अनुयायियों में से थे। और रोम के मुश्रिक राजा की प्रजा थे। जो एकेश्वरवादियों का शत्रु था। और उन्हें मूर्ति पूजा के लिए बाध्य करता था। इसलिए वे अपने ईमान की रक्षा के लिए जार्डन की गुफा में चले गए, जो नये शोध के अनुसार जार्डन की राजधानी से 8 की◦ मी◦ दूर (रजीब) में अवशेषज्ञों को मिली है। जिस गुफा के ऊपर सात स्तंभों की मस्जिद के खँडहर और गुफा के भीतर आठ समाधियाँ तथा उत्तरी दीवार पर पुरानी यूनानी लिपि में एक शिलालेख मिला है और उसपर किसी जीव का चित्र भी है। जो कुत्ते का चित्र बताया जाता है और यह 'रजीब' ही 'रक़ीम' का बदला हुआ रूप है। (देखिए : भाष्य दावतुल क़ुरआन : 2/983)

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