35. अर्थात चमत्कार की माँग करने पर चमत्कार इसलिए नहीं भेजा जाता कि उसके पश्चात् न मानने पर यातना का आना अनिवार्य हो जाता है, जैसाकि भाष्यकारों ने लिखा है।
36. इससे संकेत "मेराज" की ओर है। और यहाँ "रु-या" शब्द का अर्थ स्वप्न नहीं बल्कि आँखों से देखना है। और शापित वृक्ष से अभिप्राय ज़क़्क़ूम (थोहड़) का वृक्ष है। (सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस : 4716) 37. अर्थात काफ़िरों के लिए जिन्होंने कहा कि यह कैसे हो सकता है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) एक ही रात में बैतुल-मक़्दिस पहुँच जाएँ फिर वहाँ से आकाश की सैर करके वापस मक्का भी आ जाएँ।
38. अर्थात कुपथ कर दूँगा।
39. अर्थात गाने और बजाने द्वारा। 40. अर्थात अपने जिन्न और मनुष्य सहायकों द्वारा उन्हें बहकाने का उपाय कर ले। 41. अर्थात अवैध धन अर्जित करने और व्यभिचार की प्रेरणा दे।