Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - Die Übersetzung in Hindi von Al-Mukhtasar - Eine Kurzfassung der Bedeutungen des edlen Qurans

अल्-मुज़्ज़म्मिल

Die Ziele der Surah:
بيان الأسباب المعينة على القيام بأعباء الدعوة.
अल्लाह के धर्म की ओर निमंत्रण का बोझ उठाने में सहायक कारणों का वर्णन। info

external-link copy
1 : 73

یٰۤاَیُّهَا الْمُزَّمِّلُ ۟ۙ

ऐ कपड़े में लिपटने वाले! (अर्थात् नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) info
التفاسير:

external-link copy
2 : 73

قُمِ الَّیْلَ اِلَّا قَلِیْلًا ۟ۙ

रात में नमाज़ पढ़ा करें, सिवाय उसके थोड़े भाग के। info
التفاسير:

external-link copy
3 : 73

نِّصْفَهٗۤ اَوِ انْقُصْ مِنْهُ قَلِیْلًا ۟ۙ

अगर चाहें तो आधी रात नमाज़ पढ़ें, या आधी रात से थोड़ा-सा कम पढ़ें यहाँ तक कि एक तिहाई तक पहुँच जाएँ। info
التفاسير:

external-link copy
4 : 73

اَوْ زِدْ عَلَیْهِ وَرَتِّلِ الْقُرْاٰنَ تَرْتِیْلًا ۟ؕ

या उससे कुछ ज़्यादा पढ़ें, यहाँ तक कि दो-तिहाई तक पहुँच जाएँ। और जब क़ुरआन पढ़ें तो उसे साफ़-साफ़ और ठहर-ठहर कर पढ़ें। info
التفاسير:

external-link copy
5 : 73

اِنَّا سَنُلْقِیْ عَلَیْكَ قَوْلًا ثَقِیْلًا ۟

हम आपपर (ऐ रसूल!) क़ुरआन उतारेंगे, जो एक भारी वाणी है, क्योंकि उसमें कर्तव्यों, हदों (शरई दण्डों), प्रावधानों (नियमों) और शिष्टाचार आदि का उल्लेख है। info
التفاسير:

external-link copy
6 : 73

اِنَّ نَاشِئَةَ الَّیْلِ هِیَ اَشَدُّ وَطْاً وَّاَقْوَمُ قِیْلًا ۟ؕ

निश्चय रात की घड़ियाँ, तिलावत के साथ दिल के अधिक अनुकूल होती हैं और बात करने में अधिक उपयुक्त होती हैं। info
التفاسير:

external-link copy
7 : 73

اِنَّ لَكَ فِی النَّهَارِ سَبْحًا طَوِیْلًا ۟ؕ

निश्चय आपको दिन के दौरान बहुत-से कार्य करने होते हैं, जिनमें व्यस्त होकर आप क़ुरआन नहीं पढ़ पाते। अतः रात में नमाज़ पढ़ा करें। info
التفاسير:

external-link copy
8 : 73

وَاذْكُرِ اسْمَ رَبِّكَ وَتَبَتَّلْ اِلَیْهِ تَبْتِیْلًا ۟ؕ

और अल्लाह को अनेक प्रकार के ज़िक्र के साथ याद करें और उसके लिए इबादत को ख़ालिस करके हर चीज़ से कटकर केवल अल्लाह ही के हो जाएँ। info
التفاسير:

external-link copy
9 : 73

رَبُّ الْمَشْرِقِ وَالْمَغْرِبِ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ فَاتَّخِذْهُ وَكِیْلًا ۟

वह सूर्योदय के स्थान का रब और सूर्यास्त के स्थान का रब है। उसके सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं। अतः तुम उसी को अपना कार्यसाधक बनाकर अपने सभी कामों में उसी पर भरोसा करो। info
التفاسير:

external-link copy
10 : 73

وَاصْبِرْ عَلٰی مَا یَقُوْلُوْنَ وَاهْجُرْهُمْ هَجْرًا جَمِیْلًا ۟

और ये झुठलाने वाले जो उपहास और अपशब्द कहते हैं, उनपर सब्र करें और बिना किसी नुक़सान के उन्हें छोड़ दें। info
التفاسير:

external-link copy
11 : 73

وَذَرْنِیْ وَالْمُكَذِّبِیْنَ اُولِی النَّعْمَةِ وَمَهِّلْهُمْ قَلِیْلًا ۟

इन झुठलाने वालों की परवाह न करें, जो दुनिया के सुख का आनंद लेने वाले हैं और मुझे तथा उन्हें छोड़ दें, और उनके बारे में थोड़ी देर प्रतीक्षा करें, यहाँ तक कि उनका निर्धारित समय आ जाए। info
التفاسير:

external-link copy
12 : 73

اِنَّ لَدَیْنَاۤ اَنْكَالًا وَّجَحِیْمًا ۟ۙ

निश्चय हमारे पास आख़िरत में भारी बेड़ियाँ हैं और भड़कती हुई आग है। info
التفاسير:

external-link copy
13 : 73

وَّطَعَامًا ذَا غُصَّةٍ وَّعَذَابًا اَلِیْمًا ۟۫

उपर्युक्त के अतिरिक्त, गले में अटकने वाला सख़्त कड़वा भोजन और दर्दनाक यातना है। info
التفاسير:

external-link copy
14 : 73

یَوْمَ تَرْجُفُ الْاَرْضُ وَالْجِبَالُ وَكَانَتِ الْجِبَالُ كَثِیْبًا مَّهِیْلًا ۟

यह यातना काफ़िरों को उस दिन होगी, जिस दिन धरती और पर्वत काँप उठेंगे और पर्वत उसकी भयावहता की गंभीरता से बिखरे हुए तरल रेत हो जाएँगे। info
التفاسير:

external-link copy
15 : 73

اِنَّاۤ اَرْسَلْنَاۤ اِلَیْكُمْ رَسُوْلًا ۙ۬— شَاهِدًا عَلَیْكُمْ كَمَاۤ اَرْسَلْنَاۤ اِلٰی فِرْعَوْنَ رَسُوْلًا ۟ؕ

निश्चय हमने तुम्हारी ओर एक रसूल भेजा है, जो क़ियामत के दिन तुम्हारे कर्मों की गवाही देने वाला है, जैसे हमने फ़िरऔन की ओर एक रसूल अर्थात मूसा अलैहिस्सलाम को भेजा। info
التفاسير:

external-link copy
16 : 73

فَعَصٰی فِرْعَوْنُ الرَّسُوْلَ فَاَخَذْنٰهُ اَخْذًا وَّبِیْلًا ۟

फ़िरऔन ने अपने पालनहार द्वारा अपनी ओर भेजे गए रसूल की अवज्ञा की। चुनाँचे हमने उसे दुनिया में पानी में डुबोकर, तथा आख़िरत में आग की यातना के साथ कड़ी सज़ा दी। अतः तुम अपने रसूल की अवज्ञा न करो, अन्यथा तुम्हें भी उसी की तरह यातना का सामना करना पड़ेगा। info
التفاسير:

external-link copy
17 : 73

فَكَیْفَ تَتَّقُوْنَ اِنْ كَفَرْتُمْ یَوْمًا یَّجْعَلُ الْوِلْدَانَ شِیْبَا ۟

फिर (यदि तुमने अल्लाह का इनकार किया और उसके रसूल को झुठलाया) तो तुम अपने आपको उस लंबे कठोर दिन से कैसे बचाओगे और सुरक्षित रखोगे, जिसकी भयावहता की गंभीरता और लंबाई के कारण छोटे बच्चों के बाल सफ़ेद हो जाएँगे। info
التفاسير:

external-link copy
18 : 73

١لسَّمَآءُ مُنْفَطِرٌ بِهٖ ؕ— كَانَ وَعْدُهٗ مَفْعُوْلًا ۟

उस दिन की भयावहता से आकाश फट जाएगा। अल्लाह का वादा अनिवार्य रूप से पूरा होकर रहेगा। info
التفاسير:

external-link copy
19 : 73

اِنَّ هٰذِهٖ تَذْكِرَةٌ ۚ— فَمَنْ شَآءَ اتَّخَذَ اِلٰی رَبِّهٖ سَبِیْلًا ۟۠

निश्चय यह उपदेश (जिसमें क़ियामत के दिन की भयावहता और भीषणता का उल्लेख है) एक याददेहानी है, जिससे ईमान वाले लाभ उठाते हैं। अतः जो अपने रब की ओर ले जाने वाला मार्ग पकड़ना चाहे, पकड़ ले। info
التفاسير:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• أهمية قيام الليل وتلاوة القرآن وذكر الله والصبر للداعية إلى الله.
• अल्लाह की ओर बुलाने का कार्य करने वाले के लिए रात में जागकर नमाज़ पढ़ने, क़ुरआन की तिलावत करने, अल्लाह का ज़िक्र करने और धैर्य से काम लेने का महत्व। info

• فراغ القلب في الليل له أثر في الحفظ والفهم.
• रात में हृदय के खाली होने का याद करने और समझने पर प्रभाव पड़ता है। info

• تحمّل التكاليف يقتضي تربية صارمة.
• शरई ज़िम्मेदारियों को वहन करने के लिए सख्त तरबियत की आवश्यकता होती है।। info

• الترف والتوسع في التنعم يصدّ عن سبيل الله.
• विलासिता और आनंद का विस्तार, अल्लाह के मार्ग से रोकता है। info