Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - Die Übersetzung in Hindi von Al-Mukhtasar - Eine Kurzfassung der Bedeutungen des edlen Qurans

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3 : 63

ذٰلِكَ بِاَنَّهُمْ اٰمَنُوْا ثُمَّ كَفَرُوْا فَطُبِعَ عَلٰی قُلُوْبِهِمْ فَهُمْ لَا یَفْقَهُوْنَ ۟

ऐसा इसलिए है क्योंकि वे दिखाने के लिए ईमान लाए थे और ईमान उनके दिलों तक नहीं पहुँचा था, फिर उन्होंने गुप्त रूप से अल्लाह के साथ कुफ़्र किया। इसलिए उनके कुफ़्र के कारण अल्लाह ने उनके दिलों पर मुहर लगा दी। अतः अब उनके अंदर ईमान प्रवेश नहीं कर सकता। तो उस मुहर के कारण उन्हें समझ नहीं आता कि उनकी भलाई और मार्गदर्शन किस में है। info
التفاسير:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• وجوب السعي إلى الجمعة بعد النداء وحرمة ما سواه من الدنيا إلا لعذر.
• अज़ान के बाद जुमे की नमाज़ के लिए निकलना ज़रूरी है और बिना किसी शरई कारण के उसके सिवा कोई और कार्य करना हराम है। info

• تخصيص سورة للمنافقين فيه تنبيه على خطورتهم وخفاء أمرهم.
• मुनाफ़िक़ो के बारे में एक पूरी सूरत उतारने में, उनके खतरे एवं गंभीरता तथा उनके मामले के गुप्त होने पर एक चेतावनी है। info

• العبرة بصلاح الباطن لا بجمال الظاهر ولا حسن المنطق.
• इस्लाम में अंतरात्मा (हृदय) की शुद्धता का एतिबार है, ज़ाहिरी सुंदरता और अच्छी बात का नहीं। info