Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - Die Übersetzung in Hindi von Al-Mukhtasar - Eine Kurzfassung der Bedeutungen des edlen Qurans

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99 : 18

وَتَرَكْنَا بَعْضَهُمْ یَوْمَىِٕذٍ یَّمُوْجُ فِیْ بَعْضٍ وَّنُفِخَ فِی الصُّوْرِ فَجَمَعْنٰهُمْ جَمْعًا ۟ۙ

और हम अंतिम काल में लोगों को इस अवस्था में छोड़ देंगे कि वे एक-दूसरे से मौजों की तरह परस्पर गुत्थम-गुत्था हो जाएँगे और “सूर” फूँक दिया जाएगा, तो हम सभी प्राणियों को हिसाब और बदले के लिए इकट्ठा कर लेंगे। info
التفاسير:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• إثبات البعث والحشر بجمع الجن والإنس في ساحات القيامة بالنفخة الثانية في الصور.
• “सूर” में दूसरी बार फूँक मारे जाने पर जिन्न और इनसान को जीवित करके क़ियामत के मैदान में एकत्र करने का सबूत। info

• أن أشد الناس خسارة يوم القيامة هم الذين ضل سعيهم في الدنيا، وهم يظنون أنهم يحسنون صنعًا في عبادة من سوى الله.
• क़ियामत के दिन सबसे अधिक घाटा उठाने वाले लोग वे होंगे, जिनके दुनिया के सारे प्रयास व्यर्थ हो जाएँगे। हालाँकि वे यह समझते थे कि वे अल्लाह के अलावा की उपासना करके अच्छा काम कर रहे हैं। info

• لا يمكن حصر كلمات الله تعالى وعلمه وحكمته وأسراره، ولو كانت البحار والمحيطات وأمثالها دون تحديد حبرًا يكتب به.
• अल्लाह की बातों, उसके ज्ञान, उसकी हिकमत और उसके रहस्यों के सभी पहलुओं को समेटना और महसूर करना संभव नहीं है, अगरचे समुद्रों, महासागरों और बिना निर्दिष्ट किए इसी तरह की चीज़ों को लिखने के लिए स्याही बना लिया जाए। info