Prijevod značenja časnog Kur'ana - Indijski prijevod sažetog tefsira Plemenitog Kur'ana

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52 : 12

ذٰلِكَ لِیَعْلَمَ اَنِّیْ لَمْ اَخُنْهُ بِالْغَیْبِ وَاَنَّ اللّٰهَ لَا یَهْدِیْ كَیْدَ الْخَآىِٕنِیْنَ ۟

अज़ीज़ की स्त्री ने कहा : मैंने इस बात का इक़रार कि मैंने ही उसे रिझाया था और वह सच्चा है, इस उद्देश्य से किया है कि यूसुफ़ जान ले कि मैंने उसकी अनुपस्थिति में उसपर आरोप नहीं मढ़ा है। क्योंकि जो कुछ अब तक हुआ, उससे मेरे लिए यह स्पष्ट हो गया कि कि अल्लाह झूठ बोलने वाले और फ़रेब करने वाले को सफल नहीं करता। info
التفاسير:
Poruke i pouke ajeta na ovoj stranici:
• من كمال أدب يوسف أنه أشار لحَدَث النسوة ولم يشر إلى حَدَث امرأة العزيز.
• यूसुफ़ अलैहिस्सलाम का परम शिष्टाचार कि उन्होंने महिलाओं की घटना का उल्लेख किया, अज़ीज़ की पत्नी की घटना का उल्लेख नहीं किया। info

• كمال علم يوسف عليه السلام في حسن تعبير الرؤى.
• सपनों की अच्छी व्याख्या करने में यूसुफ़ अलैहिस्सलाम का परिपूर्ण ज्ञान। info

• مشروعية تبرئة النفس مما نُسب إليها ظلمًا، وطلب تقصّي الحقائق لإثبات الحق.
• अपने आपको अन्यायपूर्ण आरोप से दोषमुक्त ठहराने, तथा सच्चाई को साबित करने के लिए तथ्यों को खोजने के लिए अनुरोध करने की वैधता। info

• فضيلة الصدق وقول الحق ولو كان على النفس.
• सच्चाई तथा सच बोलने की श्रेष्ठता, भले ही वह खुद पर हो। info