আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - হিন্দি অনুবাদ- আজীজুল হক ওমৰী

अन्-नाज़िआ़त

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1 : 79

وَالنّٰزِعٰتِ غَرْقًا ۟ۙ

क़सम है उन फ़रिश्तों की, जो डूबकर सख़्ती से (प्राण) खींचने वाले हैं! info
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2 : 79

وَّالنّٰشِطٰتِ نَشْطًا ۟ۙ

और क़सम है उन फ़रिश्तों की, जो आसानी से (प्राण) निकालने वाले हैं! info
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3 : 79

وَّالسّٰبِحٰتِ سَبْحًا ۟ۙ

और क़सम है उन फ़रिश्तों की, जो तेज़ी से तैरने वाले हैं! info
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4 : 79

فَالسّٰبِقٰتِ سَبْقًا ۟ۙ

फिर क़सम है उन फ़रिश्तों की, जो दौड़कर आगे बढ़ने वाले हैं! info
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5 : 79

فَالْمُدَبِّرٰتِ اَمْرًا ۟ۘ

फिर क़सम है उन फ़रिश्तों की, जो आदेश को क्रियान्वित करने वाले हैं![1] info

1. (1-5) यहाँ से बताया गया है कि प्रलय का आरंभ भारी भूकंप से होगा और दूसरे ही क्षण सब जीवित होकर धरती के ऊपर होंगे।

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6 : 79

یَوْمَ تَرْجُفُ الرَّاجِفَةُ ۟ۙ

जिस दिन काँपने वाली (अर्थात् धरती) काँप उठेगी। info
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7 : 79

تَتْبَعُهَا الرَّادِفَةُ ۟ؕ

उसके पीछे आएगी पीछे आने वाली। info
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8 : 79

قُلُوْبٌ یَّوْمَىِٕذٍ وَّاجِفَةٌ ۟ۙ

उस दिन कई दिल धड़कने वाले होंगे। info
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9 : 79

اَبْصَارُهَا خَاشِعَةٌ ۟ۘ

उनकी आँखें झुकी हुई होंगी। info
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10 : 79

یَقُوْلُوْنَ ءَاِنَّا لَمَرْدُوْدُوْنَ فِی الْحَافِرَةِ ۟ؕ

वे कहते हैं : क्या हम निश्चय पहली स्थिति में लौटाए जाने वाले हैं? info
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11 : 79

ءَاِذَا كُنَّا عِظَامًا نَّخِرَةً ۟ؕ

क्या जब हम सड़ी-गली हड्डियाँ हो जाएँगे? info
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12 : 79

قَالُوْا تِلْكَ اِذًا كَرَّةٌ خَاسِرَةٌ ۟ۘ

उन्होंने कहा : यह तो उस समय घाटे वाला लौटना होगा। info
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13 : 79

فَاِنَّمَا هِیَ زَجْرَةٌ وَّاحِدَةٌ ۟ۙ

वह तो केवल एक डाँट होगी। info
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14 : 79

فَاِذَا هُمْ بِالسَّاهِرَةِ ۟ؕ

फिर एकाएक वे (जीवित होकर) धरती के ऊपर होंगे। info
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15 : 79

هَلْ اَتٰىكَ حَدِیْثُ مُوْسٰی ۟ۘ

(ऐ नबी!) क्या आपके पास मूसा की बात पहुँची है?[2] info

2. (6-15) इन आयतों में प्रलय दिवस का चित्र पेश किया गया है। और काफ़िरों की स्थिति बताई गई है कि वे उस दिन किस प्रकार अपने आपको एक खुले मैदान में पाएँगे।

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16 : 79

اِذْ نَادٰىهُ رَبُّهٗ بِالْوَادِ الْمُقَدَّسِ طُوًی ۟ۚ

जब उसके पालनहार ने उसे पवित्र घाटी 'तुवा' में पुकारा। info
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