37. इसमें मुनाफ़िक़ों का दुराचार बताया गया है।
38. अरबी मुह़ावरे में हाथ बँधे का अर्थ है कंजूस होना, और दान करने से हाथ रोकना। (देखिए : सूरत आल-इमरान, आयत : 181) 39. अर्थात उनके षड्यंत्र को सफल नहीं होने देता, बल्कि उनका कुफल उन्हीं को भोगना पड़ता है। जैसा कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के समय में विभिन्न दशाओं में हुआ।