ترجمة معاني القرآن الكريم - الترجمة الهندية - عزيز الحق العمري

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107 : 37

وَفَدَیْنٰهُ بِذِبْحٍ عَظِیْمٍ ۟

और हमने उसके फ़िदया (छुड़ौती) में एक बहुत बड़ा ज़बीहा[17] दिया। info

17. यह महान ज़बीहा एक मेंढा था। जिसे जिबरील (अलैहिस्सलाम) द्वारा स्वर्ग से भेजा गया। जो आपके प्रिय पुत्र इसमाईल (अलैहिस्सलाम) के स्थान पर ज़बह किया गया। फिर इस विधि को प्रलय तक के लिए अल्लाह के सामीप्य का एक साधन तथा ईदुल अज़हा (बक़रईद) का प्रियवर कर्म बना दिया गया। जिसे संसार के सभी मुसलमान ईदुल अज़हा में करते हैं।

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