ترجمة معاني القرآن الكريم - الترجمة الهندية - عزيز الحق العمري

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63 : 11

قَالَ یٰقَوْمِ اَرَءَیْتُمْ اِنْ كُنْتُ عَلٰی بَیِّنَةٍ مِّنْ رَّبِّیْ وَاٰتٰىنِیْ مِنْهُ رَحْمَةً فَمَنْ یَّنْصُرُنِیْ مِنَ اللّٰهِ اِنْ عَصَیْتُهٗ ۫— فَمَا تَزِیْدُوْنَنِیْ غَیْرَ تَخْسِیْرٍ ۟

उस (सालेह़) ने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! क्या तुमने विचार किया कि यदि मैं अपने पालनहार की ओर से एक स्पष्ट प्रमाण पर हूँ और उसने मुझे अपनी दया प्रदान की हो, फिर मैं उसकी अवज्ञा करूँ, तो कौन है, जो अल्लाह के मुक़ाबले में मेरी सहायता करेगा? तुम मुझे घाटे में डालने के सिवा कुछ नहीं करोगे। info
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