आकाशों और धरती में अल्लाह की जो भी सृष्टि है, सब उसकी पाकी एवं पवित्रता का गान करती हैं। और वह सब पर प्रभुत्वशाली है जिसे कोई पराजित नहीं कर सकता, अपनी रचना और तक़दीर (नियति) में पूर्ण हिकमत वाला है।
आकाशों और धरती का राज्य केवल उसी का है। वह जिसे जीवन देना चाहता है, उसे जीवन देता है और जिसे मारना चाहता है, उसे मारता है। और वह सब कुछ करने में सक्षम है, उसे कोई भी चीज़ अक्षम नहीं कर सकती।
वही प्रथम है, जिससे पहले कोई चीज़ नहीं। और वही अंतिम है, जिसके बाद कोई चीज़ नहीं। वही ज़ाहिर है, जिससे ऊपर कोई चीज़ नहीं। और वही बातिन है, जिससे निकटतर कोई चीज़ नहीं। और वह हर चीज़ को जानता है, कोई चीज़ उसके ज्ञान के दायरे से बाहर नहीं है।
التفاسير:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• شدة سكرات الموت وعجز الإنسان عن دفعها.
• प्राण निकलते समय की पीड़ा की गंभीरता और इनसान का उसे टालने में असमर्थ होना।
• الأصل أن البشر لا يرون الملائكة إلا إن أراد الله لحكمة.
• मूल सिद्धांत यह है कि मनुष्य फ़रिश्तों को नहीं देखते, सिवाय इसके कि अल्लाह किसी हिकमत के तहत दिखाना चाहे।
• أسماء الله (الأول، الآخر، الظاهر، الباطن) تقتضي تعظيم الله ومراقبته في الأعمال الظاهرة والباطنة.
• अल्लाह के नामों (अव्वल, आख़िर, ज़ाहिर तथा बातिन) की अपेक्षा यह है कि अल्लाह का सम्मान किया जाए और खुले तथा छिपे सभी कामों में उसके निरीक्षण का ध्यान रखा जाए।
वही है, जिसने आकाशों और धरती को छह दिनों में पैदा किया। रविवार से शुरू होकर शुक्रवार को समाप्त हुआ। हालाँकि वह उन्हें पलक झपकते ही पैदा करने में सक्षम है। फिर वह अर्श (सिंहासन) पर बुलंद हुआ, जैसा कि उसकी महिमा के योग्य है। वह जानता है जो कुछ धरती में बारिश और बीज आदि के रूप में प्रवेश करता है, और जो कुछ धरती से पौधों और खनिजों आदि के रूप में निकलता है, और जो कुछ आकाश से बारिश और वह़्य (प्रकाशना) आदि के रूप में उतरता है, और जो कुछ आकाश में फ़रिश्तों, बंदों के कर्मों और उनके प्राणों के रूप में चढ़ता है। और वह अपने ज्ञान के साथ तुम्हारे संग है (ऐ लोगो!) तुम जहाँ भी रहो, उससे तुम्हारी कोई चीज़ छिपी नहीं है। और जो कुछ तुम करते हो, अल्लाह उसे ख़ूब देखने वाला है, तुम्हारे कामों में से कुछ भी उससे छिपा नहीं है, और वह तुम्हें उसका प्रतिफल देगा।
आकाशों और धरती का राज्य केवल उसी का है, और सारे मामले केवल उसी की ओर लौटाए जाते हैं। अतः वह क़ियामत के दिन प्राणियों का हिसाब लेगा और उन्हें उनके कर्मों का बदला देगा।
वह रात को दिन में दाखिल करता है, तो अंधेरा छा जाता है और लोग नींद की आग़ोश में चले जाते हैं, तथा दिन को रात में दाख़िल करता है, तो प्रकाश आ जाता है और लोग अपने कामों में लग जाते हैं। और वह अपने बंदों के दिलों की सभी बातों को जानता है, उनमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है।
अल्लाह पर ईमान लाओ और उसके रसूल पर ईमान लाओ, तथा उस माल में से खर्च करो, जिसका अल्लाह ने तुम्हें उत्तराधिकारी बनाया है, ताकि जो कुछ उसने तुम्हारे लिए निर्धारित किया है उसके अनुसार तुम उसका निपटान करो। फिर तुममें से जो लोग अल्लाह पर ईमान लाए और अल्लाह के रास्ते में अपना धन खर्च किए, उनके लिए उसके पास एक बड़ा प्रतिफल है और वह जन्नत है।
और वह कौन-सी चीज़ है जो तुम्हें अल्लाह पर ईमान लाने से रोकती है?! जबकि रसूल तुम्हें अल्लाह की ओर इस आशा में बुला रहे हैं कि तुम अपने रब पर ईमान ले आओ। तथा अल्लाह तुमसे यह वचन ले चुका है कि तुम उसपर ईमान लाओगे, जब उसने तुम्हें तुम्हारे पिताओं की पीठ से बाहर निकाला, यदि तुम ईमान वाले हो।
वही है, जो अपने बंदे मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर स्पष्ट निशानियाँ उतारता है; ताकि तुम्हें कुफ़्र और अज्ञान के अँधेरे से निकाल कर ईमान और ज्ञान के उजाले की ओर ले आए। और निश्चय अल्लाह तुम्हारे लिए अत्यंत करुणामय एवं दयावान् है कि उसने अपने नबी को तुम्हारे पास मार्गदर्शक और शुभ समाचार सुनाने वाला बनाकर भेजा।
और वह कौन-सी चीज़ है जो तुम्हें अल्लाह के रास्ते में खर्च करने से रोकती है?! जबकि आकाशों और धरती की विरासत अल्लाह ही के लिए है। (ऐ मोमिनो!) तुममें से जिसने मक्का की विजय से पहले, अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए, उसके मार्ग में अपना धन खर्च किया और इस्लाम के समर्थन के लिए काफ़िरों से लड़ाई की, वह उस व्यक्ति के समान (बराबर) नहीं है, जिसने मक्का की विजय के बाद खर्च किया और काफ़िरों से युद्ध किया। जिन लोगों ने मक्का की विजय से पहले खर्च किया और अल्लाह के मार्ग में युद्ध किया, वे अल्लाह के निकट उन लोगों से ऊँचे पद एवं उच्च स्थान वाले हैं, जिन्होंने उसकी विजय के बाद उसके मार्ग में अपना धन खर्च किया और काफ़िरों से युद्ध किया। जबकि अल्लाह ने दोनों पक्षों से जन्नत का वादा किया है। और तुम जो कुछ कर रहे हो, अल्लाह उसे जानता है। तुम्हारे कर्मों में से कुछ भी उससे छिपा नहीं है और वह तुम्हें उसका बदला देगा।
कौन है, जो दिल की ख़ुशी से अपना माल अल्लाह के लिए खर्च करे, तो अल्लाह उसे उसके ख़र्च किए हुए माल का बदला कई गुना बढ़ाकर दे और उसके लिए क़ियामत के दिन एक सम्मानजनक बदला अर्थात् जन्नत है?!
التفاسير:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• المال مال الله، والإنسان مُسْتَخْلَف فيه.
• धन अल्लाह का है। इनसान को उसमें उत्तराधिकारी बनाया गया है।
• تفاوت درجات المؤمنين بحسب السبق إلى الإيمان وأعمال البر.
• ईमान लाने और नेक कार्यों में पहल करने के अनुसार ईमान वालों के दर्जे अलग-अलग होंगे।
• الإنفاق في سبيل الله سبب في بركة المال ونمائه.
• अल्लाह के रास्ते में खर्च करना धन में बरकत और वृद्धि का कारण है।
जिस दिन आप मोमिन पुरुषों और मोमिन स्त्रियों को देखेंगे कि उनका प्रकाश उनके आगे-आगे और उनके दाहिनी ओर चल रहा होगा। और उस दिन उनसे कहा जाएगा : आज तुम्हारे लिए ऐसे बाग़ों की खुशख़बरी है, जिनके महलों और पेड़ों के नीचे से नहरें बहती हैं, जिनमें तुम हमेशा रहने वाले हो। यही बदला तो बहुत बड़ी सफलता है, जिसके बराबर कोई सफलता नहीं हो सकती।
जिस दिन मुनाफ़िक़ पुरुष और मुनाफ़िक़ स्त्रियाँ, ईमान वालों से कहेंगे : हमारी प्रतीक्षा करो, ताकि हम तुम्हारे प्रकाश में से कुछ प्रकाश हासिल कर लें, जो 'सिरात' (पुल) पार करने में हमारे लिए सहायक हो। उस समय मुनाफ़िक़ों से उनका मज़ाक उड़ाते हुए कहा जाएगा : अपने पीछे लौट जाओ, फिर कोई प्रकाश तलाश करो, जिससे तुम रोशनी हासिल कर सको। फिर उनके बीच एक दीवार बना दी जाएगी, जिसमें एक द्वार होगा। उसका भीतरी भाग, जो ईमान वालों की ओर होगा, उसमें दया होगी और बाहरी भाग, जो मुनाफ़िक़ों की ओर होगा, उसमें यातना होगी।
मुनाफ़िक़ लोग, ईमान वालों को पुकारकर कहेंगे : "क्या हम तुम्हारे साथ ईमान और आज्ञाकारिता पर नहीं थे? मोमिन उनसे कहेंगे : क्यों नहीं, तुम हमारे साथ थे। लेकिन तुमने अपने आपको निफ़ाक़ के फ़ितने में डालकर अपना नाश कर लिया, और इस प्रतीक्षा में रहे कि ईमान वाले पराजित हो जाएँ, तो तुम अपने कुफ़्र का ऐलान करो, तथा तुमने अल्लाह के ईमान वालों की मदद करने के बारे में और मौत के बाद दोबारा उठाए जाने के बारे संदेह किया, तथा तुम झूठी महत्वाकांक्षाओं के धोखे में पड़े रहे, यहाँ तक कि इसी अवस्था में तुम्हारी मौत आ गई, और इस शैतान ने तुम्हें अल्लाह के बारे में धोखा दिया।
सो आज (ऐ मुनाफ़िक़ो!) तुमसे अल्लाह की यातना से कोई छुड़ौती नहीं ली जाएगी, और न ही उन लोगों से कोई छुड़ौती ली जाएगी, जिन्होंने खुले तौर पर अल्लाह के साथ कुफ़्र किया। तुम्हारा तथा काफ़िरों का ठिकाना जहन्नम है। यह तुम्हारे लिए अधिक उपयुक्त है और तुम इसके अधिक योग्य हो, तथा यह बहुत बुरा ठिकाना है।
क्या अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाने वालों के लिए वह समय नहीं आया है कि उनके दिल अल्लाह के ज़िक्र के लिए और उसके लिए जो क़ुरआन में वादा या धमकी उतरी है, नरम नरम हो जाएँ और संतुष्ट हो जाएँ। तथा दिलों की कठोरता में उन यहूदियों की तरह न हो जाएँ, जिन्हें तौरात दिया गया और न उन ईसाइयों की तरह, जो इंजील दिए गए। फिर उनके और उनके नबियों के आने के बीच का समय लंबा हो गया, तो इसके कारण उनके दिल कठोर हो गए और उनमें से बहुत-से लोग अल्लाह की आज्ञाकारिता से निकलकर उसकी अवज्ञा करने वाले हैं?!
जान लो कि अल्लाह धरती को उसके सूखने के बाद उसमें पौधे उगाकर पुनर्जीवित करता है।निःसंदेह हमने (ऐ लोगो!) तुम्हारे लिए अल्लाह की शक्ति और एकेश्वरवाद के प्रमाण और तर्क स्पष्ट कर दिए हैं, ताकि तुम उन्हें समझो और जान जाओ कि जिस (अल्लाह) ने धरती को उसकी मृत्यु के बाद पुनर्जीवित किया है, वह तुम्हारी मृत्यु के बाद तुम्हें पुनर्जीवित करने में सक्षम है, तथा तुम्हारे दिलों को उनकी कठोरता के बाद नरम करने में सक्षम है।
निःसंदेह अपना कुछ धन दान करने वाले पुरुष और अपना कुछ धन दान करने वाली स्त्रियाँ, जो उसे बिना उपकार जताए और कष्ट पहुँचाए, अपने दिल की खुशी के साथ खर्च करते हैं, उनके लिए उनके कर्मों का प्रतिफल दस गुना से सात सौ गुना तक, बल्कि उससे भी अधिक गुना तक बढ़ा दिया जाएगा। और इसके अतिरिक्त उनके लिए अल्लाह के पास एक सम्मानित प्रतिफल अर्थात् जन्नत है।
التفاسير:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• امتنان الله على المؤمنين بإعطائهم نورًا يسعى أمامهم وعن أيمانهم.
• अल्लाह का ईमान वालों पर यह उपकार कि उन्हें एक प्रकाश प्रदान करेगा, जो उनके सामने और उनके दाहिनी ओर चल रहा होगा।
• المعاصي والنفاق سبب للظلمة والهلاك يوم القيامة.
• पाप और निफ़ाक़ (पाखंड) क़ियामत के दिन अंधकार और विनाश का कारण हैं।
• التربُّص بالمؤمنين والشك في البعث، والانخداع بالأماني، والاغترار بالشيطان: من صفات المنافقين.
• ईमान वालों की पराजय की ताक में रहना, पुनर्जीवन पर शक करना, कामनाओं के धोखे में रहना और शैतान द्वारा धोखा खाना : मुनाफ़िक़ों की विशेषताओं में से हैं।
• خطر الغفلة المؤدية لقسوة القلوب.
• दिलों को सख़्त बना देने वाली ग़फ़लत (लापरवाही) का ख़तरा।
जो लोग अल्लाह पर ईमान लाए और बिना किसी भेदभाव के उसके (सभी) रसूलों पर ईमान लाए, वही अपने रब के निकट 'सिद्दीक़' और 'शहीद' हैं। उनके लिए उनका सम्मानित प्रतिफल है जो उन्हीं के लिए तैयार किया गया है, तथा उनके लिए उनका वह प्रकाश है, जो क़ियामत के दिन उनके आगे और उनके दाहिनी ओर चल रहा होगा। और जिन लोगों ने अल्लाह और उसके रसूलों का इनकार किया और हमारे रसूल पर उतारी गई हमारी आयतों को झुठलाया, वही लोग जहन्नम वाले हैं, जो क़ियामत के दिन उसमें दाख़िल होंगे और हमेशा उसी में रहेंगे, उससे कभी बाहर नहीं निकलेंगे।
जान लो कि इस दुनिया का जीवन मात्र एक खेल है जिसके साथ शरीर खेलते हैं, और एक मनोरंजन है जिसके साथ दिल मनोरंजन करते हैं, एक अलंकरण (सजावट) है जिसके साथ तुम खुद को सुशोभित करते हो, उसमें जो धन और सामाग्री तथा सत्ता है उनके द्वारा तुम्हारा आपस में एक-दूसरे पर बड़ाई जताना है, तथा धन की बहुतायत और बच्चों की बहुतायत के बारे में शेखी बघारना है। इसका उदाहरण उस वर्षा की तरह है, जिससे पैदा होने वाली फसल किसान को खूब अच्छी लगती है, फिर कुछ ही समय में यह हरी-भरी फसल सूख जाती है, फिर (ऐ देखने वाले!) तुम उसे हरी होने के बाद पीली देखते हो, फिर अल्लाह उसे चूर्ण-विचूर्ण कर देता है। और आख़िरत में काफ़िरों और मुनाफ़िक़ों के लिए कड़ी यातना है और अल्लाह की ओर से उसके मोमिन बंदों के गुनाहों की माफ़ी और उसकी प्रसन्नता है। और इस संसार का जीवन एक नश्वर सामान के अलावा और कुछ नहीं है जिसमें कोई स्थिरता नहीं है। इसलिए जो कोई इसके नश्वर सामान को आख़िरत की नेमतों पर तरजीह देता है, तो वह घाटा उठाने वाला और धोखा ग्रस्त है।
(ऐ लोगो!) उन नेक कार्यों की ओर एक-दूसरे से आगे बढ़ो, जिनसे तुम अपने पापों की क्षमा प्राप्त कर सको; जैसे तौबा और नेकी के अन्य कार्य, और ताकि उनके द्वारा ऐसी जन्नत प्राप्त कर सको, जिसकी चौड़ाई आसमान और ज़मीन की चौड़ाई के समान है। इस जन्नत को अल्लाह ने उन लोगों के लिए तैयार किया है, जो उसपर और उसके रसूलों पर ईमान लाए। यह प्रतिफल अल्लाह का अनुग्रह है, वह उसे अपने बंदों में से जिसे चाहता है, प्रदान करता है। और अल्लाह अपने ईमान वाले बंदों पर महान अनुग्रह वाला है।
लोगों पर जो भी मुसीबत धरती में आती हैं, जैसे सूखा और अन्य चीजें, तथा उनपर जो भी विपत्ति खुद अपने ऊपर आती है, वह हमारे सृष्टि की रचना करने से पहले ही से 'लौह़े महफ़ूज़' (सुरक्षित पट्टिका) में लिखी हुई है। निश्चय यह अल्लाह के लिए बहुत आसान है।
और यह इसलिए ताकि (ऐ लोगो!) तुम उस चीज़ पर शोक न करो, जो तुमसे छूट जाए, तथा उन नेमतों पर फूल न जाओ, जो अल्लाह ने तुम्हें प्रदान की हैं। निश्चय अल्लाह किसी अहंकार करने वाले, अल्लाह की दी हुई नेमतों पर लोगों के सामने गर्व करने वाले से प्रेम नहीं करता।
जो लोग उस चीज़ को खर्च करने में कंजूसी करते हैं, जिसका खर्च करना उनपर अनिवार्य है, और दूसरे लोगों को (भी) कंजूसी करने के लिए कहते हैं, वे लोग घाटा उठाने वाले हैं। और जो अल्लाह की आज्ञाकारिता से मुँह फेरता है, वह अल्लाह को नुक़सान नहीं पहुँचाएगा, बल्कि खुद को नुक़सान पहुँचाएगा। निश्चय अल्लाह ही बड़ा बेपरवाह है, इसलिए उसे अपने बंदों की आज्ञाकारिता की ज़रूरत नहीं है, वह हर हाल में बहुत प्रशंसनीय है।
التفاسير:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• الزهد في الدنيا وما فيها من شهوات، والترغيب في الآخرة وما فيها من نعيم دائم يُعينان على سلوك الصراط المستقيم.
• दुनिया और उसकी इच्छाओं में अरुचि तथा आख़िरत और उसकी स्थायी नेमतों में अभिरुचि, सीधे मार्ग पर चलने में मदद करते हैं।
• وجوب الإيمان بالقدر.
• तक़दीर पर ईमान लाना ज़रूरी है।
• من فوائد الإيمان بالقدر عدم الحزن على ما فات من حظوظ الدنيا.
• तक़दीर पर ईमान लाने के लाभों में से एक लाभ यह है कि दुनिया के छूट जाने वाले सुखों पर शोक नहीं होता।
• البخل والأمر به خصلتان ذميمتان لا يتصف بهما المؤمن.
• कंजूसी करना और उसका आदेश देना दो बुरी आदतें हैं, जो मोमिन के अंदर नहीं होतीं हैं।
निश्चय हमने अपने रसूलों को स्पष्ट प्रमाणों और खुले तर्कों के साथ भेजा और उनके साथ किताबें उतारीं, तथा उनके साथ तराज़ू उतारा; ताकि लोग न्याय पर क़ायम रहें। और हमने लोहा उतारा, जिसमें बड़ी शक्ति है, चुनाँचे उसी से हथियार बनाए जाते हैं। तथा उसमें लोगों के लिए उनके उद्योगों और व्यवसायों में अनेक लाभ हैं। और ताकि अल्लाह इस तरह जान ले कि बंदों के सामने स्पष्ट हो जाए कि उसके बंदों में से कौन उसकी और उसके रसूलों की बिना देखे मदद करता है। निश्चय अल्लाह शक्तिशाली, प्रभुत्वशाली है, उसे कोई चीज़ पराजित नहीं कर सकती, और वह कोई भी चीज़ करने में असमर्थ नहीं है।
और निश्चय ही हमने नूह अलैहिस्सलाम और इबराहीम अलैहिस्सलाम को रसूल बनाकर भेजा और उन दोनों की संतान में पैग़ंबरी और उतरने वाली किताबें रखीं। फिर उन दोनों की संतान में से कुछ सीधे मार्ग पर चलने वाले हैं और उनमें से बहुत-से लोग अल्लाह की आज्ञाकारिता से निकल जाने वाले हैं।
फिर हमने उनके बाद अपने रसूल भेजे। हमने उन्हें एक के बाद एक उनके समुदायों की ओर भेजे। और उनके बाद मरयम के पुत्र ईसा को भेजा और उन्हें इंजील प्रदान की। तथा उनपर ईमान लाने वाले और उनका अनुसरण करने वाले लोगों के दिलों में करुणा एवं दयालुता रख दी। अतः वे आपस में एक-दूसरे के प्रति स्नेह और सहानुभूति रखने वाले थे। उन्होंने अपने धर्म में अतिशयोक्ति का आविष्कार किया। इसलिए उन्होंने अल्लाह की हलाल की हुई कुछ चीज़ों, जैसे विवाह और सुख-आनंद की चीज़ों को छोड़ दिया। हालाँकि हमने उन्हें ऐसा करने के लिए नहीं कहा। बल्कि उन्होंने धर्म में नवाचार पैदा करते हुए, खुद को उसके लिए प्रतिबद्ध कर लिया। हमने तो केवल अल्लाह की प्रसन्नता का पालन करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। तो हमने उनमें से ईमान लाने वालों को उनका बदला दे दिया। और उनमें से बहुत-से लोग अल्लाह के रसूल मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के लाए हुए धर्म को झुठलाकर अल्लाह की आज्ञाकारिता से बाहर हैं।
ऐ अल्लाह पर ईमान रखने वालो और उसकी शरीयत पर अमल करने वालो! अल्लाह के आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, उससे डरते रहो और उसके रसूल पर ईमान लाओ, अल्लाह तुम्हें मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर ईमान लाने तथा पिछले रसूलों पर ईमान लाने के लिए अज्र-व-सवाब का दोहरा हिस्सा देगा, और तुम्हें एक प्रकाश प्रदान करेगा, जिससे तुम अपने सांसारिक जीवन में मार्गदर्शित होगे और क़ियामत के दिन उसकी रोशनी में सिरात (पुल) पार करोगे। और वह तुम्हारे पापों को क्षमा कर देगा, चुनाँचे वह उन्हें ढँक देगा और उनपर तुम्हारी पकड़ नहीं करेगा। और अल्लाह अपने बंदों को बहुत क्षमा करने वाला, उनपर अत्यंत दया करने वाला है।
हमने (ऐ मोमिनो!) तुम्हारे लिए जो दोहरा सवाब तैयार किया है, उस महान अनुग्रह को तुम्हारे लिए इसलिए स्पष्ट कर दिया है; ताकि पूर्व किताब वाले यहूदी और ईसाई जान लें कि वे अल्लाह के अनुग्रह में से किसी भी चीज़ पर अधिकार नहीं रखते कि उसे जिसे चाहें, दे दें और जिसे चाहें, वंचित कर दें। और ताकि वे यह भी जान लें कि अनुग्रह अल्लाह महिमावान के हाथ में है, वह उसे अपने बंदों में से जिसे चाहता है, देता है। और अल्लाह महान अनुग्रह वाला है, जिसे वह अपने बंदों में से उसे प्रदान करता है, जिसे चाहता है।
التفاسير:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• الحق لا بد له من قوة تحميه وتنشره.
• सत्य के लिए ऐसी शक्ति का होना आवश्यक है जो उसकी रक्षा और प्रचार करे।
• بيان مكانة العدل في الشرائع السماوية.
• आसमानी शरीयतों में न्याय की स्थिति का वर्णन।
• صلة النسب بأهل الإيمان والصلاح لا تُغْنِي شيئًا عن الإنسان ما لم يكن هو مؤمنًا.
• ईमान वालों और नेक लोगों के साथ वंश का संबंध इनसान के लिए किसी काम का नहीं है जब तक कि वह (स्वयं) मोमिन न हो।
• بيان تحريم الابتداع في الدين.
• धर्म में नवाचार आविष्कार करने के निषेध का वर्णन।