《古兰经》译解 - 印地语古兰经简明注释。

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38 : 30

فَاٰتِ ذَا الْقُرْبٰى حَقَّهٗ وَالْمِسْكِیْنَ وَابْنَ السَّبِیْلِ ؕ— ذٰلِكَ خَیْرٌ لِّلَّذِیْنَ یُرِیْدُوْنَ وَجْهَ اللّٰهِ ؗ— وَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْمُفْلِحُوْنَ ۟

अतः (ऐ मुसलमान!) तुम रिश्तेदार के साथ भलाई और एहसान का वह मामला करो, जिसका वह हक़दार है, तथा ज़रूरतमंद को इतना दो, जिससे उसकी आवश्यकता पूरी हो सके, तथा उस यात्री को भी दो, जिसका अपने देश से रास्ता कट गया है। इन भलाई के कार्यों में खर्च करना उन लोगों के लिए बेहतर है, जो उससे अल्लाह का चेहरा (प्रसन्नता) चाहते हैं। जो लोग इस सहायता और अधिकारों का निष्पादन करते हैं, वही लोग उस जन्नत को प्राप्त कर, जिसे वे तलब करते हैं, तथा उस यातना से सुरक्षित रहकर, जिससे वे डर रहे हैं, सफल होने वाले हैं। info
التفاسير:
这业中每段经文的优越:
• فرح البطر عند النعمة، والقنوط من الرحمة عند النقمة؛ صفتان من صفات الكفار.
• नेमत मिलने पर खुशी से इतराना और कष्ट आने पर दया से निराश हो जाना; काफिरों की दो विशेषताएँ हैं। info

• إعطاء الحقوق لأهلها سبب للفلاح.
• हक़ वालों को उनका हक़ देना, सफलता का एक कारण है। info

• مَحْقُ الربا، ومضاعفة أجر الإنفاق في سبيل الله.
• सूद का मिटा दिया जाना और अल्लाह के रास्ते में खर्च करने के सवाब को कई गुना कर दिया जाना। info

• أثر الذنوب في انتشار الأوبئة وخراب البيئة مشاهد.
• महामारियों के फैलने और पर्यावरण के विनाश पर पापों का प्रभाव दृष्टिगोचर है। info