Salin ng mga Kahulugan ng Marangal na Qur'an - Salin sa Wikang Hindi ng Al-Mukhtasar fī Tafsīr Al-Qur’an Al-Karīm

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42 : 55

فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟

तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे? info
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43 : 55

هٰذِهٖ جَهَنَّمُ الَّتِیْ یُكَذِّبُ بِهَا الْمُجْرِمُوْنَ ۟ۘ

और उन्हें फटकारते हुए कहा जाएगा : यह जहन्नम, जिसे अपराधी लोग दुनिया में झुठलाते थे, उनकी आँखों के सामने है और वे इसका इनकार नहीं कर सकते। info
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44 : 55

یَطُوْفُوْنَ بَیْنَهَا وَبَیْنَ حَمِیْمٍ اٰنٍ ۟ۚ

वे उसके और अत्यंत गर्म पानी के बीच चक्कर लगा रहे होंगे। info
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45 : 55

فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟۠

तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे? info
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46 : 55

وَلِمَنْ خَافَ مَقَامَ رَبِّهٖ جَنَّتٰنِ ۟ۚ

जो व्यक्ति आख़िरत में अपने रब के सामने खड़े होने से डरा, अतः वह ईमान लाया और नेक कार्य किया - उसके लिए दो बाग़ हैं। info
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47 : 55

فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟ۙ

तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे? info
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48 : 55

ذَوَاتَاۤ اَفْنَانٍ ۟ۚ

वे दोनों बाग़ बड़ी-बड़ी, ताज़ी और फलदार शाखाओं वाले हैं। info
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49 : 55

فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟

तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे? info
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50 : 55

فِیْهِمَا عَیْنٰنِ تَجْرِیٰنِ ۟ۚ

उन दोनों बाग़ों में दो जल स्रोत हैं, जो उनके बीच पानी के साथ गुज़रते हैं। info
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51 : 55

فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟

तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे? info
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52 : 55

فِیْهِمَا مِنْ كُلِّ فَاكِهَةٍ زَوْجٰنِ ۟ۚ

उन दोनों बाग़ों में हर तरह के स्वादिष्ट फलों के दो प्रकार हैं। info
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53 : 55

فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟

तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे? info
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54 : 55

مُتَّكِـِٕیْنَ عَلٰی فُرُشٍ بَطَآىِٕنُهَا مِنْ اِسْتَبْرَقٍ ؕ— وَجَنَا الْجَنَّتَیْنِ دَانٍ ۟ۚ

वे ऐसे बिछौनों पर तकिया लगाए होंगे, जिनके अस्तर मोटे रेशम के होंगे। तथा दोनों बाग़ों से तोड़े जाने वाले फल एवं मेवे बहुत निकट होंगे, जिन्हें आदमी खड़े, बैठे और लेटे हुए तोड़ सकेगा। info
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55 : 55

فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟

तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे? info
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56 : 55

فِیْهِنَّ قٰصِرٰتُ الطَّرْفِ ۙ— لَمْ یَطْمِثْهُنَّ اِنْسٌ قَبْلَهُمْ وَلَا جَآنٌّ ۟ۚ

उनमें ऐसी स्त्रियाँ हैं, जिनकी निगाहें अपने पतियों तक ही सीमित हैं। उन्हें उनके पतियों से पहले किसी जिन्न या इनसान ने हाथ नहीं लगाया। info
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57 : 55

فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟

तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे? info
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58 : 55

كَاَنَّهُنَّ الْیَاقُوْتُ وَالْمَرْجَانُ ۟ۚ

वे इतनी सुंदर और निखरे हुए रंग की होंगी, मानो माणिक और मूँगा हैं। info
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59 : 55

فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟

तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे? info
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60 : 55

هَلْ جَزَآءُ الْاِحْسَانِ اِلَّا الْاِحْسَانُ ۟ۚ

जिसने अपने रब का आज्ञापालन उत्तम ढंग से किया, उसका बदला इसके सिवा क्या है कि अल्लाह उसे उत्तम प्रतिफल प्रदान करे?! info
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61 : 55

فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟

तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे? info
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62 : 55

وَمِنْ دُوْنِهِمَا جَنَّتٰنِ ۟ۚ

तथा इन दोनों पूर्वोक्त बाग़ों के अलावा दो अन्य बाग़ हैं। info
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63 : 55

فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟ۙ

तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे? info
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64 : 55

مُدْهَآمَّتٰنِ ۟ۚ

इन दोनों बाग़ों की हरियाली बहुत अधिक है। info
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65 : 55

فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟ۚ

तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे? info
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66 : 55

فِیْهِمَا عَیْنٰنِ نَضَّاخَتٰنِ ۟ۚ

इन दोनों बाग़ों में दो जल स्रोत हैं, जिनसे बड़ी तेज़ी से पानी उबल रहा है, उनके पानी का उबलना बंद नहीं होता। info
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67 : 55

فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟ۚ

तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे? info
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68 : 55

فِیْهِمَا فَاكِهَةٌ وَّنَخْلٌ وَّرُمَّانٌ ۟ۚ

इन दोनों बाग़ों में बहुत-से फल, बड़े-बड़े खजूर के पेड़ और अनार हैं। info
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69 : 55

فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟ۚ

तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे? info
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Ilan sa mga Pakinabang ng mga Ayah sa Pahinang Ito:
• أهمية الخوف من الله واستحضار رهبة الوقوف بين يديه.
• अल्लाह से डरने और उसके सामने खड़े होने के भय को मन में उपस्थित रखने का महत्व। info

• مدح نساء الجنة بالعفاف دلالة على فضيلة هذه الصفة في المرأة.
• जन्नत की स्त्रियों की सतीत्व (पाकदामनी) के साथ प्रशंसा करना, स्त्री में इस गुण की श्रेष्ठता का सूचक है। info

• الجزاء من جنس العمل.
• बदला, कर्म ही के वर्ग से मिलता है। info