Salin ng mga Kahulugan ng Marangal na Qur'an - Salin sa Wikang Hindi ng Al-Mukhtasar fī Tafsīr Al-Qur’an Al-Karīm

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20 : 4

وَاِنْ اَرَدْتُّمُ اسْتِبْدَالَ زَوْجٍ مَّكَانَ زَوْجٍ ۙ— وَّاٰتَیْتُمْ اِحْدٰىهُنَّ قِنْطَارًا فَلَا تَاْخُذُوْا مِنْهُ شَیْـًٔا ؕ— اَتَاْخُذُوْنَهٗ بُهْتَانًا وَّاِثْمًا مُّبِیْنًا ۟

और (ऐ पतियो!) यदि तुम किसी पत्नी को तलाक़ देना चाहो और उसकी जगह पर दूसरी पत्नी लाना चाहो, तो इसमें तुम्हारे लिए कोई बुराई नहीं है। और यदि तुमने उस पत्नी को, जिसे तुमने तलाक़ देने का इरादा किया है, महर के तौर पर बहुत सारा धन दिया था; तो तुम्हारे लिए उसमें से कुछ भी लेना जायज़ नहीं है। क्योंकि तुमने उन्हें जो कुछ दिया है उसे लेना खुला मिथ्यारोप और स्पष्ट पाप समझा जाएगा। info
التفاسير:
Ilan sa mga Pakinabang ng mga Ayah sa Pahinang Ito:
• إذا دخل الرجل بامرأته فقد ثبت مهرها، ولا يجوز له التعدي عليه أو الطمع فيه، حتى لو أراد فراقها وطلاقها.
• जब पति-पत्नि का मिलन हो जाए, तो महर साबित हो जाता है। अब पति के लिए उसमें दरअंदाज़ी करना या उसकी लालच करना जायज़ नहीं है, भले ही वह उसे छोड़ना और तलाक़ देना चाहता हो। info

• حرم الله تعالى نكاح زوجات الآباء؛ لأنه فاحشة تمقتها العقول الصحيحة والفطر السليمة.
• अल्लाह ने पिताओं की पत्नियों से विवाह करना हराम क़रार दिया है, क्योंकि यह अश्लीलता (निर्लज्जता) का काम है, जिसे सद्बुद्धि और शुद्ध स्वभाव नापसंद करते हैं। info

• بين الله تعالى بيانًا مفصلًا من يحل نكاحه من النساء ومن يحرم، سواء أكان بسبب النسب أو المصاهرة أو الرضاع؛ تعظيمًا لشأن الأعراض، وصيانة لها من الاعتداء.
• अल्लाह ने इस्मतों (सतीत्व) की महिमा बढ़ाते हुए और उन्हें दुरुपयोग से बचाने के लिए, इस बात का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कर दिया है कि किन स्त्रियों से निकाह करना जायज़ है और किन से हराम है, चाहे वह वंश (नसब) के कारण हो, या ससुराली रिश्ते की बुनियाद पर, या दूध के रिश्ते (स्तनपान) के आधार पर हो। info