Salin ng mga Kahulugan ng Marangal na Qur'an - Salin sa Wikang Hindi ng Al-Mukhtasar fī Tafsīr Al-Qur’an Al-Karīm

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144 : 2

قَدْ نَرٰی تَقَلُّبَ وَجْهِكَ فِی السَّمَآءِ ۚ— فَلَنُوَلِّیَنَّكَ قِبْلَةً تَرْضٰىهَا ۪— فَوَلِّ وَجْهَكَ شَطْرَ الْمَسْجِدِ الْحَرَامِ ؕ— وَحَیْثُ مَا كُنْتُمْ فَوَلُّوْا وُجُوْهَكُمْ شَطْرَهٗ ؕ— وَاِنَّ الَّذِیْنَ اُوْتُوا الْكِتٰبَ لَیَعْلَمُوْنَ اَنَّهُ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّهِمْ ؕ— وَمَا اللّٰهُ بِغَافِلٍ عَمَّا یَعْمَلُوْنَ ۟

हमने - ऐ नबी! - आपके चेहरे और निगाह को बार-बार आसमान की ओर उठते हुए देखा है, इस प्रत्याशा में कि आपको अपने मनपसंद क़िबले की ओर मुख करके नमाज़ पढ़ने की अनुमति प्राप्त हो जाए। अतः निश्चय हम वर्तमान क़िबला बैतुल-मक़दिस के बदले, आपको उस क़िबले की ओर फेर देंगे, जिसे आप पसंद करते हैं (और वह अल्लाह का पवित्र घर काबा है)। सो (अब) आप अपना चेहरा मक्का मुकर्रमा में स्थित अल्लाह के पवित्र घर की ओर फेर लें। तथा - ऐ ईमान वालो! - तुम जहाँ भी हो, नमाज़ पढ़ते समय उसी की ओर मुख कर लो। निश्चय यहूदी तथा ईसाई इस बात से अवगत हैं कि क़िबले का बदलना उनके पालनहार और उनके मामलों के प्रभंधक की ओर से अवतिरत सत्य है; क्योंकि यह उनकी पुस्तक में प्रमाणित है। तथा अल्लाह उस बात से अनजान नहीं है जो ये सत्य से मुँह मोड़ने वाले करते हैं। बल्कि, वह महिमावान् उसे जानता है और उन्हें उसका बदला देगा। info
التفاسير:
Ilan sa mga Pakinabang ng mga Ayah sa Pahinang Ito:
• أن الاعتراض على أحكام الله وشرعه والتغافل عن مقاصدها دليل على السَّفَه وقلَّة العقل.
• अल्लाह के नियमों और क़ानूनों पर आपत्ति जताना और उनके उद्देश्यों की उपेक्षा करना मूर्खता और बुद्धि की कमी का प्रमाण है। info

• فضلُ هذه الأمة وشرفها، حيث أثنى عليها الله ووصفها بالوسطية بين سائر الأمم.
• इस उम्मत की विशेषता और प्रतिष्ठा, क्योंकि अल्लाह ने इस उम्मत की प्रशंसा की है तथा इसे बाकी सारी उम्मतों के बीच मध्यम उम्मत क़रार दिया है। info

• التحذير من متابعة أهل الكتاب في أهوائهم؛ لأنهم أعرضوا عن الحق بعد معرفته.
• अह्ले किताब का उनकी इच्छाओं में पालन करने से सावधान करना; क्योंकि वे सत्य को जानने के बाद उससे विमुख हो गए। info

• جواز نَسْخِ الأحكام الشرعية في الإسلام زمن نزول الوحي، حيث نُسِخَ التوجه إلى بيت المقدس، وصار إلى المسجد الحرام.
• इस्लाम में वह़्य उतरने के समय काल में शरई अह़काम (नियमों और विधानों) को निरस्त किए जाने की वैधता; क्योंकि बैतुल-म़कदिस की ओर मुँह करने के हुक्म को निरस्त करके मस्जिदे-ह़राम की ओर रुख करने का आदेश दिया गया। info