పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - హిందీ అనువాదం - అజీజుల్ హఖ్ ఉమ్రీ

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38 : 52

اَمْ لَهُمْ سُلَّمٌ یَّسْتَمِعُوْنَ فِیْهِ ۚ— فَلْیَاْتِ مُسْتَمِعُهُمْ بِسُلْطٰنٍ مُّبِیْنٍ ۟ؕ

या उनके पास कोई सीढ़ी है, जिसपर वे अच्छी तरह सुन[11] लेते हैं? तो उनके सुनने वाले को चाहिए कि वह कोई स्पष्ट प्रमाण प्रस्तुत करे। info

11. अर्थात आकाश की बातें। और जब उनके पास आकाश की बातें जानने का कोई साधन नहीं, तो ये लोग अल्लाह, फ़रिश्ते और धर्म की बातें किस आधार पर करते हैं?

التفاسير: