పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - హిందీ అనువాదం - అల్ ఖుర్ఆన్ అల్ కరీమ్ యొక్క సంక్షిప్త తఫ్సీర్ వ్యాఖ్యానం

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25 : 57

لَقَدْ اَرْسَلْنَا رُسُلَنَا بِالْبَیِّنٰتِ وَاَنْزَلْنَا مَعَهُمُ الْكِتٰبَ وَالْمِیْزَانَ لِیَقُوْمَ النَّاسُ بِالْقِسْطِ ۚ— وَاَنْزَلْنَا الْحَدِیْدَ فِیْهِ بَاْسٌ شَدِیْدٌ وَّمَنَافِعُ لِلنَّاسِ وَلِیَعْلَمَ اللّٰهُ مَنْ یَّنْصُرُهٗ وَرُسُلَهٗ بِالْغَیْبِ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ قَوِیٌّ عَزِیْزٌ ۟۠

निश्चय हमने अपने रसूलों को स्पष्ट प्रमाणों और खुले तर्कों के साथ भेजा और उनके साथ किताबें उतारीं, तथा उनके साथ तराज़ू उतारा; ताकि लोग न्याय पर क़ायम रहें। और हमने लोहा उतारा, जिसमें बड़ी शक्ति है, चुनाँचे उसी से हथियार बनाए जाते हैं। तथा उसमें लोगों के लिए उनके उद्योगों और व्यवसायों में अनेक लाभ हैं। और ताकि अल्लाह इस तरह जान ले कि बंदों के सामने स्पष्ट हो जाए कि उसके बंदों में से कौन उसकी और उसके रसूलों की बिना देखे मदद करता है। निश्चय अल्लाह शक्तिशाली, प्रभुत्वशाली है, उसे कोई चीज़ पराजित नहीं कर सकती, और वह कोई भी चीज़ करने में असमर्थ नहीं है। info
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26 : 57

وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا نُوْحًا وَّاِبْرٰهِیْمَ وَجَعَلْنَا فِیْ ذُرِّیَّتِهِمَا النُّبُوَّةَ وَالْكِتٰبَ فَمِنْهُمْ مُّهْتَدٍ ۚ— وَكَثِیْرٌ مِّنْهُمْ فٰسِقُوْنَ ۟

और निश्चय ही हमने नूह अलैहिस्सलाम और इबराहीम अलैहिस्सलाम को रसूल बनाकर भेजा और उन दोनों की संतान में पैग़ंबरी और उतरने वाली किताबें रखीं। फिर उन दोनों की संतान में से कुछ सीधे मार्ग पर चलने वाले हैं और उनमें से बहुत-से लोग अल्लाह की आज्ञाकारिता से निकल जाने वाले हैं। info
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27 : 57

ثُمَّ قَفَّیْنَا عَلٰۤی اٰثَارِهِمْ بِرُسُلِنَا وَقَفَّیْنَا بِعِیْسَی ابْنِ مَرْیَمَ وَاٰتَیْنٰهُ الْاِنْجِیْلَ ۙ۬— وَجَعَلْنَا فِیْ قُلُوْبِ الَّذِیْنَ اتَّبَعُوْهُ رَاْفَةً وَّرَحْمَةً ؕ— وَرَهْبَانِیَّةَ ١بْتَدَعُوْهَا مَا كَتَبْنٰهَا عَلَیْهِمْ اِلَّا ابْتِغَآءَ رِضْوَانِ اللّٰهِ فَمَا رَعَوْهَا حَقَّ رِعَایَتِهَا ۚ— فَاٰتَیْنَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مِنْهُمْ اَجْرَهُمْ ۚ— وَكَثِیْرٌ مِّنْهُمْ فٰسِقُوْنَ ۟

फिर हमने उनके बाद अपने रसूल भेजे। हमने उन्हें एक के बाद एक उनके समुदायों की ओर भेजे। और उनके बाद मरयम के पुत्र ईसा को भेजा और उन्हें इंजील प्रदान की। तथा उनपर ईमान लाने वाले और उनका अनुसरण करने वाले लोगों के दिलों में करुणा एवं दयालुता रख दी। अतः वे आपस में एक-दूसरे के प्रति स्नेह और सहानुभूति रखने वाले थे। उन्होंने अपने धर्म में अतिशयोक्ति का आविष्कार किया। इसलिए उन्होंने अल्लाह की हलाल की हुई कुछ चीज़ों, जैसे विवाह और सुख-आनंद की चीज़ों को छोड़ दिया। हालाँकि हमने उन्हें ऐसा करने के लिए नहीं कहा। बल्कि उन्होंने धर्म में नवाचार पैदा करते हुए, खुद को उसके लिए प्रतिबद्ध कर लिया। हमने तो केवल अल्लाह की प्रसन्नता का पालन करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। तो हमने उनमें से ईमान लाने वालों को उनका बदला दे दिया। और उनमें से बहुत-से लोग अल्लाह के रसूल मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के लाए हुए धर्म को झुठलाकर अल्लाह की आज्ञाकारिता से बाहर हैं। info
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28 : 57

یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوا اتَّقُوا اللّٰهَ وَاٰمِنُوْا بِرَسُوْلِهٖ یُؤْتِكُمْ كِفْلَیْنِ مِنْ رَّحْمَتِهٖ وَیَجْعَلْ لَّكُمْ نُوْرًا تَمْشُوْنَ بِهٖ وَیَغْفِرْ لَكُمْ ؕ— وَاللّٰهُ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟ۙ

ऐ अल्लाह पर ईमान रखने वालो और उसकी शरीयत पर अमल करने वालो! अल्लाह के आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, उससे डरते रहो और उसके रसूल पर ईमान लाओ, अल्लाह तुम्हें मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर ईमान लाने तथा पिछले रसूलों पर ईमान लाने के लिए अज्र-व-सवाब का दोहरा हिस्सा देगा, और तुम्हें एक प्रकाश प्रदान करेगा, जिससे तुम अपने सांसारिक जीवन में मार्गदर्शित होगे और क़ियामत के दिन उसकी रोशनी में सिरात (पुल) पार करोगे। और वह तुम्हारे पापों को क्षमा कर देगा, चुनाँचे वह उन्हें ढँक देगा और उनपर तुम्हारी पकड़ नहीं करेगा। और अल्लाह अपने बंदों को बहुत क्षमा करने वाला, उनपर अत्यंत दया करने वाला है। info
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29 : 57

لِّئَلَّا یَعْلَمَ اَهْلُ الْكِتٰبِ اَلَّا یَقْدِرُوْنَ عَلٰی شَیْءٍ مِّنْ فَضْلِ اللّٰهِ وَاَنَّ الْفَضْلَ بِیَدِ اللّٰهِ یُؤْتِیْهِ مَنْ یَّشَآءُ ؕ— وَاللّٰهُ ذُو الْفَضْلِ الْعَظِیْمِ ۟۠

हमने (ऐ मोमिनो!) तुम्हारे लिए जो दोहरा सवाब तैयार किया है, उस महान अनुग्रह को तुम्हारे लिए इसलिए स्पष्ट कर दिया है; ताकि पूर्व किताब वाले यहूदी और ईसाई जान लें कि वे अल्लाह के अनुग्रह में से किसी भी चीज़ पर अधिकार नहीं रखते कि उसे जिसे चाहें, दे दें और जिसे चाहें, वंचित कर दें। और ताकि वे यह भी जान लें कि अनुग्रह अल्लाह महिमावान के हाथ में है, वह उसे अपने बंदों में से जिसे चाहता है, देता है। और अल्लाह महान अनुग्रह वाला है, जिसे वह अपने बंदों में से उसे प्रदान करता है, जिसे चाहता है। info
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ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• الحق لا بد له من قوة تحميه وتنشره.
• सत्य के लिए ऐसी शक्ति का होना आवश्यक है जो उसकी रक्षा और प्रचार करे। info

• بيان مكانة العدل في الشرائع السماوية.
• आसमानी शरीयतों में न्याय की स्थिति का वर्णन। info

• صلة النسب بأهل الإيمان والصلاح لا تُغْنِي شيئًا عن الإنسان ما لم يكن هو مؤمنًا.
• ईमान वालों और नेक लोगों के साथ वंश का संबंध इनसान के लिए किसी काम का नहीं है जब तक कि वह (स्वयं) मोमिन न हो। info

• بيان تحريم الابتداع في الدين.
• धर्म में नवाचार आविष्कार करने के निषेध का वर्णन। info