அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - இந்தி மொழிபெயர்ப்பு - அஜீஜுல் ஹக் அல் உமரீ

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68 : 39

وَنُفِخَ فِی الصُّوْرِ فَصَعِقَ مَنْ فِی السَّمٰوٰتِ وَمَنْ فِی الْاَرْضِ اِلَّا مَنْ شَآءَ اللّٰهُ ؕ— ثُمَّ نُفِخَ فِیْهِ اُخْرٰی فَاِذَا هُمْ قِیَامٌ یَّنْظُرُوْنَ ۟

तथा सूर (नरसिंघा) में फूँक[15] मारी जाएगी, तो जो कोई आकाशों और धरती में होगा, बेहोश हो जाएगा। सिवाय उसके, जिसको अल्लाह चाहे। फिर उसमें पुनः फूँक मारी जाएगी, तो अचानक सब खड़े होकर देखने लगेंगे। info

15. नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहा : दूसरी फूँक के पश्चात् सबसे पहले मैं सिर उठाऊँगा। तो मूसा अर्श पकड़े हुए खड़े होंगे। मुझे ज्ञान नहीं कि वह ऐसे ही रह गए थे, या फूँकने के पश्चात् मुझसे पहले उठ चुके होंगे। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4813) दूसरी ह़दीस में है कि दोनों फूँकों के बीच चालीस की अवधि होगी। और मनुष्य की दुमची की हड्डी के सिवा सब सड़ जाएगा। और उसी से उसको फिर बनाया जाएगा। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4814)

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69 : 39

وَاَشْرَقَتِ الْاَرْضُ بِنُوْرِ رَبِّهَا وَوُضِعَ الْكِتٰبُ وَجِایْٓءَ بِالنَّبِیّٖنَ وَالشُّهَدَآءِ وَقُضِیَ بَیْنَهُمْ بِالْحَقِّ وَهُمْ لَا یُظْلَمُوْنَ ۟

तथा धरती अपने पालनहार की ज्योति से जगमगाने लगेगी, और कर्मलेख (खोलकर लोगों के आगे) रख दिए जाएँगे, तथा नबियों और साक्षियों को लाया जाएगा, और उनके बीच सत्य के साथ निर्णय कर दिया जाएगा और उनपर अत्याचार नहीं किया जाएगा। info
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70 : 39

وَوُفِّیَتْ كُلُّ نَفْسٍ مَّا عَمِلَتْ وَهُوَ اَعْلَمُ بِمَا یَفْعَلُوْنَ ۟۠

तथा प्रत्येक प्राणी को उसके कर्म का पूरा-पूरा फल दिया जाएगा। तथा वह भली-भाँति जानता है उसे, जो वे करते हैं। info
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71 : 39

وَسِیْقَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْۤا اِلٰی جَهَنَّمَ زُمَرًا ؕ— حَتّٰۤی اِذَا جَآءُوْهَا فُتِحَتْ اَبْوَابُهَا وَقَالَ لَهُمْ خَزَنَتُهَاۤ اَلَمْ یَاْتِكُمْ رُسُلٌ مِّنْكُمْ یَتْلُوْنَ عَلَیْكُمْ اٰیٰتِ رَبِّكُمْ وَیُنْذِرُوْنَكُمْ لِقَآءَ یَوْمِكُمْ هٰذَا ؕ— قَالُوْا بَلٰی وَلٰكِنْ حَقَّتْ كَلِمَةُ الْعَذَابِ عَلَی الْكٰفِرِیْنَ ۟

तथा जो लोग काफ़िर होंगे, वे जहन्नम की ओर गिरोह के गिरोह हाँके जाएँगे। यहाँ तक कि जब वे उसके पास आएँगे, तो उसके द्वार खोल दिए जाएँगे तथा उसके रक्षक उनसे कहेंगेः "क्या तुम्हारे पास तुम्हीं में से रसूल नहीं आए थे, जो तुम्हें तुम्हारे पालनहार की आयतें सुनाते रहे तथा तुम्हें अपने इस दिन का सामना करने से सचेत करते रहे?" वे कहेंगेः "क्यों नहीं? परन्तु, काफ़िरों पर यातना की बात सिद्ध हो चुकी है।" info
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72 : 39

قِیْلَ ادْخُلُوْۤا اَبْوَابَ جَهَنَّمَ خٰلِدِیْنَ فِیْهَا ۚ— فَبِئْسَ مَثْوَی الْمُتَكَبِّرِیْنَ ۟

उनसे कहा जाएगाः जहन्नम के द्वारों में प्रवेश कर जाओ। उसमें सदावासी रहोगे। अतः क्या ही बुरा है अभिमानियों का ठिकाना! info
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73 : 39

وَسِیْقَ الَّذِیْنَ اتَّقَوْا رَبَّهُمْ اِلَی الْجَنَّةِ زُمَرًا ؕ— حَتّٰۤی اِذَا جَآءُوْهَا وَفُتِحَتْ اَبْوَابُهَا وَقَالَ لَهُمْ خَزَنَتُهَا سَلٰمٌ عَلَیْكُمْ طِبْتُمْ فَادْخُلُوْهَا خٰلِدِیْنَ ۟

तथा जो लोग अपने पालनहार से डरते रहे, वे जन्नत की ओर गिरोह के गिरोह ले जाए जाएँगे। यहाँ तक कि जब वे उसके पास पहुँच जाएँगे तथा उसके द्वार खोल दिए जाएँगे और उसके रक्षक उनसे कहेंगेः सलाम है तुमपर। तुम पवित्र हो। सो तुम इसमें हमेशा रहने को प्रवेश कर जाओ। info
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74 : 39

وَقَالُوا الْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِیْ صَدَقَنَا وَعْدَهٗ وَاَوْرَثَنَا الْاَرْضَ نَتَبَوَّاُ مِنَ الْجَنَّةِ حَیْثُ نَشَآءُ ۚ— فَنِعْمَ اَجْرُ الْعٰمِلِیْنَ ۟

तथा वे कहेंगे : सब प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने हमसे किया हुआ अपना वचन सच कर दिखाया, तथा हमें इस धरती का उत्तराधिकारी बना दिया। हम स्वर्ग के अंदर जहाँ चाहें, रहें। क्या ही अच्छा बदला है कर्म करने वालों का।[16] info

16. अर्थात एकेश्वरवादी सदाचारियों का।

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