அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - இந்தி மொழிபெயர்ப்பு - அஜீஜுல் ஹக் அல் உமரீ

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240 : 2

وَالَّذِیْنَ یُتَوَفَّوْنَ مِنْكُمْ وَیَذَرُوْنَ اَزْوَاجًا ۖۚ— وَّصِیَّةً لِّاَزْوَاجِهِمْ مَّتَاعًا اِلَی الْحَوْلِ غَیْرَ اِخْرَاجٍ ۚ— فَاِنْ خَرَجْنَ فَلَا جُنَاحَ عَلَیْكُمْ فِیْ مَا فَعَلْنَ فِیْۤ اَنْفُسِهِنَّ مِنْ مَّعْرُوْفٍ ؕ— وَاللّٰهُ عَزِیْزٌ حَكِیْمٌ ۟

और जो लोग तुममें से मृत्यु पा जाते हैं तथा पत्नियाँ छोड़ जाते हैं, वे अपनी पत्नियों के लिए एक वर्ष तक घर से निकाले बिना खर्च देने की वसीयत करें। परंतु यदि वे (स्वयं) निकल जाएँ[158], तो तुमपर उसमें कोई पाप नहीं जो वे रीति के अनुसार अपने बारे में करें, और अल्लाह सब पर प्रभुत्वशाली, पूर्ण हिकमत वाला है। info

158. अर्थात एक वर्ष पूरा होने से पहले। क्योंकि उनकी निश्चित अवधि चार महीने और दस दिन ही निर्धारित है।

التفاسير: