د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژباړه - عزيز الحق عمري

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2 : 75

وَلَاۤ اُقْسِمُ بِالنَّفْسِ اللَّوَّامَةِ ۟

तथा मैं क़सम खाता हूँ निंदा[2] करने वाली अंतरात्मा की। info

2. मनुष्य की अंतरात्मा की यह विशेषता है कि वह बुराई करने पर उसकी निंदा करती है।

التفاسير: