د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژباړه - عزيز الحق عمري

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18 : 51

وَبِالْاَسْحَارِ هُمْ یَسْتَغْفِرُوْنَ ۟

तथा रात्रि की अंतिम घड़ियों[5] में वे क्षमा याचना करते थे। info

5. ह़दीस में है कि अल्लाह प्रत्येक रात में जब तिहाई रात रह जाए, तो संसार के आकाश की ओर उतरता है। और कहता है : है कोई जो मुझे पुकारे, तो मैं उसकी पुकार सुनूँ? है कोई जो माँगे, तो मैं उसे दूँ? है कोई जो मुझ से क्षमा माँगे, तो मैं उसे क्षमा कर दूँ? ( बुख़ारी : 1145, मुस्लिम : 758)

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