ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߤߌ߲ߘߌߞߊ߲ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߊ.ߟߑߤ߭ߊߞ߫ߞ߫ߌ߫ ߊ.ߟߑߊ߳ߡߊߙߌ߮ ߟߊ߫ ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߋ߬.

external-link copy
23 : 39

اَللّٰهُ نَزَّلَ اَحْسَنَ الْحَدِیْثِ كِتٰبًا مُّتَشَابِهًا مَّثَانِیَ تَقْشَعِرُّ مِنْهُ جُلُوْدُ الَّذِیْنَ یَخْشَوْنَ رَبَّهُمْ ۚ— ثُمَّ تَلِیْنُ جُلُوْدُهُمْ وَقُلُوْبُهُمْ اِلٰی ذِكْرِ اللّٰهِ ؕ— ذٰلِكَ هُدَی اللّٰهِ یَهْدِیْ بِهٖ مَنْ یَّشَآءُ ؕ— وَمَنْ یُّضْلِلِ اللّٰهُ فَمَا لَهٗ مِنْ هَادٍ ۟

अल्लाह ने सबसे अच्छी बात (क़ुरआन) अवतरित की, ऐसी पुस्तक जो परस्पर मिलती-जुलती, (जिसकी आयतें) बार-बार दोहराई जाने वाली हैं। इससे उन लोगों की खालों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं, जो अपने पालनहार से डरते हैं। फिर उनकी खालें तथा उनके दिल अल्लाह के स्मरण की ओर कोमल हो जाते हैं। यह अल्लाह का मार्गदर्शन है, जिसके द्वारा वह जिसे चाहता है, संमार्ग पर लगा देता है, और जिसे अल्लाह गुमराह कर दे, तो उसे कोई राह पर लाने वाला नहीं। info
التفاسير: